बिहार के विभिन्न हिस्सों में बंदरों के आतंक का मामला बिहार विधानसभा में उठा. सदस्यों ने ठहाकों के बीच कहा कि उद्दंड बंदर महिलाओं को परेशान करते हैं और फसलों को क्षति पहुंचाते हैं.
बीजेपी सदस्य विनोद सिंह और भागीरथी देवी सतिह कई विधायकों ने कहा कि उनके निर्वाचन क्षेत्रों में बंदरों का बहुत आतंक है. वे लोगों को काफी परेशान करते हैं. फसल को क्षति पहुंचाते हैं.
जब उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने बंदरों पर नियंत्रण के कारगर समाधान की लाचारी दिखाई तो सदस्यों ने अपने अपने स्तर से समस्या के निदान सुझाये. कटिहार जिले के प्राणपुर विधायक विनोद सिंह ने कहा, ‘उनके क्षेत्र में 700 बंदरों का आतंक हैं. बंदरों ने पूर्व मुखिया की पत्नी के साथ छेड़छाड़ भी किया है.’
बीजेपी सदस्यों के कहने से पूरा सदन ठहाका लगाकर हंसने लगा और कई सदस्यों ने मजकिया ढंग में बंदरों के उत्पात को भारत-नेपाल के बीच की अंतरराष्ट्रीय समस्या बताया, क्योंकि बंदर बिहार से भागकर नेपाल चले जाते हैं. राजद विधायक राघवेंद्र प्रताप सिंह ने कहा, ‘यह एक अंतरराष्ट्रीय समस्या है और भारत सरकार को इससे अवगत कराना चाहिए.’
पश्चिम चंपारण की रामनगर की विधायक भागीरथी देवी ने भोजपुरी में कहा, ‘बंदर महिलाओं के पकाये गये रोटियों को लेकर भाग जाते हैं. कोई जुगाड़ कर समस्या का समाधान किया जाए.’ बीजेपी सदस्य अरुण शंकर प्रसाद ने सदन में तारांकित प्रश्न के माध्यम से मधुबनी जिले के बासोपट्टी में बंदरों के आतंक का मामला उठाया था.
राज्य के वन एवं पर्यावरण मंत्री मोदी ने कहा, ‘वन्य पशु जीव कानून के अनुसार बंदरों के कारण यदि फसलों का नुकसान होता है तो किसान फसल क्षति का दावा कर सकते हैं. उन्हें नियमानुसार मुआवजा देने का प्रावधान है. बंदरों के उत्पात का स्थायी समाधान अब तक नहीं खोजा जा सका है.’ विधानसभा अध्यक्ष उदयनारायण चौधरी ने मजाक में विधायकों से आपस में मिलकर इस समस्या का हल ढूंढने को कहा.