बिहार में एक बार फिर जहरीली शराब का कहर दिखा है. बताया जा रहा है कि मोतिहारी जिले में जहरीली शराब से अब तक 19 लोगों की मौत हो चुकी है. शराब पीने के बाद जिन लोगों की तबीयत बिगड़ी, उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था. उन्होंने डॉक्टर्स को खुद बताया था कि उन्होंने शराब पी थी, जिसके बाद तबीयत खराब हुई.
जानकारी के अनुसार, यह मामला पूर्वी चंपारण का है, जहां जहरीली शराब से लोगों की मौत हुई है. इस घटना के बाद इलाके में अफरा-तफरी मच गई. मृतकों की संख्या में इजाफा हुआ है. बताया जा रहा है कि अब तक 19 लोगों की मौत हो चुकी है. तुरकौलिया के नरियरवा गांव निवासी भूटा पासवान, जयसिंहपुर निवासी गुड्डू सहनी और हरसिद्धि के मठलोहियार गांव निवासी हीरालाल मांझी की भी मौत हुई है.
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जहरीली शराब कांड को मोतिहारी एसपी ने संज्ञान लिया है. एसपी ने एटीएफ के दो अधिकारियों व चार चौकीदारों को निलंबित कर दिया है. सुगौली, हरसिद्धि, तुरकौलिया व पहाड़पुर के एक-एक चौकीदार को सस्पेंड किया गया है.
बिहार में शराबबंदी का नियम क्या है?
शराबबंदी नीति में हुए संशोधन के मुताबिक, बिहार में पहली बार शराब पीते पकड़े जाने पर दोषियों को 2,000 रुपये से 5,000 रुपये के बीच जुर्माना भरने के बाद रिहा किया जाएगा, जेल नहीं होगी. यदि पहली बार अपराधी दंड का भुगतान करने में विफल रहता है तो उसे एक महीना जेल में बिताना पड़ेगा.
यदि कोई व्यक्ति दूसरी बार शराब का सेवन करता हुआ पकड़ा जाता है तो उसे एक साल के लिए सलाखों के पीछे डाल दिया जाएगा. अब तक शराबबंदी का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ 3.8 लाख मामले दर्ज किए गए. इनमें से सिर्फ चार हजार मामलों का ही निस्तारण किया गया है.