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बिहार: मुंगेर में उस रात क्या हुआ था, CISF रिपोर्ट में सामने आई ये बात

बिहार के मुंगेर में विसर्जन को लेकर विवाद के बीच हुए गोलीकांड की जांच जारी है. इस मसले पर राजनीतिक तौर पर भी विवाद बढ़ता जा रहा है.

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फायरिंग कांड के बाद भी मुंगेर में हुई थी हिंसा (PTI)
फायरिंग कांड के बाद भी मुंगेर में हुई थी हिंसा (PTI)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • बिहार के मुंगेर विवाद की जांच जारी
  • CISF की चिट्ठी से सामने आया घटना का सच

बिहार के मुंगेर में मूर्ति विसर्जन के कारण हुए विवाद और फिर गोलीकांड में हुई शख्स की मौत पर विवाद थम नहीं रहा है. चुनावी सरगर्मी के बीच राजनीतिक दल सरकार पर सवाल उठा रहे हैं, तो चुनाव आयोग ने एक्शन लेते हुए नए एसपी-डीएम को भेजा है. 

इस बीच इंडिया टुडे के हाथ CISF की इंटेल रिपोर्ट लगी है, जो इस पूरे मामले के बारे में जानकारी देती है. ये रिपोर्ट बिहार पुलिस कॉर्डिनेटर, एडीजी नॉर्थ सीआईएसएफ और इलेक्शन सेल को भेजी गई है. चुनाव में जब भी कहीं पर CISF की टीम तैनात होती है, तो इस तरह की रिपोर्ट भेजी जाती हैं. 

इस चिट्ठी में घटना के बारे में लिखा गया है, ’26 अक्टूबर को रात 11.30 बजे बिहार पुलिस की सिफारिश पर CISF की इलेक्शन कंपनी के 20 जवान भेजे गए थे. राज्य पुलिस ने हालात को देखते हुए इन जवानों को दो ग्रुपों में बांटा था.’

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चिट्ठी में लिखा गया है, ‘इनमें से एक ग्रुप को दीन दयाल उपाध्याय चौक पर SSB और राज्य पुलिस के साथ तैनात किया गया. इसी दौरान करीब 11.45 बजे स्थानीय पुलिस और जुलूस में शामिल लोगों के बीच बहस हुई. कुछ लोगों ने तब पुलिस और अन्य सुरक्षाबलों पर पत्थर मारने शुरू कर दिए. हालात को काबू में लाने के लिए स्थानीय पुलिस ने हवा में फायरिंग की.’

आगे बताया गया है, ‘इसी के बाद जुलूस में शामिल लोग और भी उग्र हो गए और पुलिसकर्मियों पर अधिक पत्थरबाजी करने लगे. माहौल को काबू में लाने के लिए और खुद की सुरक्षा में CISF के एक हेड कॉन्स्टेबल ने INSAS रायफल से हवा में 13 राउंड फायर किए. जिसके बाद भीड़ छंट गई, उसके बाद लोकल पुलिस, CISF और अन्य सुरक्षाबलों ने हालात को संभाला.’

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घटना के बाद लिपि सिंह ने क्या कहा था?
आपको बता दें कि इस घटना के बाद एसपी लिपि सिंह पर काफी सवाल खड़े हुए थे, जिन्हें बाद में हटा दिया गया था. इस घटना को लेकर लिपि सिंह ने अपने बयान में कहा था कि दुर्गा पूजा के दौरान हुए विसर्जन में कुछ असमाजिक तत्वों ने पथराव शुरू किया, जिसमें 20 पुलिसकर्मी घायल हो गए और भीड़ में किसी ने गोली चलाई जिसकी वजह से एक व्यक्ति की मौत हो गई, मगर स्थिति नियंत्रण में है. लिपि सिंह के इस बयान पर भी विवाद हुआ था और स्थानीय लोगों ने एसपी पर सारी गलती आम लोगों के ऊपर थोपने की बात कही थी. 

दरअसल, मुंगेर में 26-27 अक्टूबर की दरम्यानी रात को विसर्जन के मसले को लेकर पुलिस और लोगों में विवाद हुआ था. इस दौरान फायरिंग में पांच लोग घायल हुए थे, जबकि एक युवक की मौत हो गई थी. मृतक के परिजनों ने पुलिस फायरिंग में मौत होने का आरोप लगाया है. इस मामले की जांच के लिए एक कमेटी बनाई गई है जो सात दिनों में अपनी रिपोर्ट सौंपेगी.

 

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