बिहार में 2019 लोकसभा चुनाव से पहले केंद्र में सत्ताधारी एनडीए का टकराव खुलकर सामने आ गया है. प्रदेश में बीजेपी की गठबंधन सहयोगी जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) और राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (RLSP) आमने-सामने हैं.
बता दें कि इसी सप्ताह की शुरुआत में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अपनी पार्टी पदाधिकारियों की बैठक के बाद ऐलान किया गया कि 2019 लोकसभा चुनाव बिहार में नीतीश कुमार के चेहरे को सामने लाया जाएगा. 2020 के विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री उम्मीदवार भी नीतीश कुमार ही होंगे, इस ऐलान के बाद राष्ट्रीय लोक समता पार्टी में जदयू को लेकर तनातनी की स्थिति पैदा हो गई है.
'आजतक' से खास बातचीत करते हुए RLSP के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष नागमणि ने नीतीश कुमार को उपेंद्र कुशवाहा से छोटा नेता बताया. साथ ही उन्होंने मांग की कि NDA गठबंधन 2019 लोकसभा चुनाव बिहार में उपेंद्र कुशवाहा का चेहरा सामने रखकर लड़े. नागमणि ने मांग की कि 2020 के विधानसभा चुनाव में एनडीए के मुख्यमंत्री उम्मीदवार भी उपेंद्र कुशवाहा को घोषित किया जाए.
नीतीश कुमार को बिना जनाधार वाला नेता बताते हुए नागमणि ने दावा किया कि उपेंद्र कुशवाहा के पीछे 10% कुशवाहा वोट बैंक एकमुश्त खड़ा है लेकिन नीतीश कुमार आज के दिन में केवल 1.5% कुर्मी वोट बैंक के नेता हैं. नागमणि ने कहा कि जिस नेता के पास ज्यादा जनाधार हो उसी के चेहरे को आगे रखकर NDA को लोकसभा चुनाव लड़ना चाहिए.
नागमणि उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी पर भी जमकर बरसे. उन्होंने सवाल उठाया कि किस हैसियत से उन्होंने नीतीश के चेहरे को आगे रखकर लोकसभा चुनाव लड़ने का समर्थन किया? नागमणि ने दावा किया कि बिहार में कोई भी बीजेपी नेता उपेंद्र कुशवाहा से बड़ा नहीं है. नागमणि ने उपेंद्र कुशवाहा को सुशील मोदी से भी बड़ा नेता बताया.
लोकसभा चुनाव में सीटों के तालमेल को लेकर नागमणि ने राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के तरफ से मांग की कि उनकी पार्टी को 40 में से 9 सीटें लड़ने के लिए मिलनी ही चाहिए.
जदयू पर तंज कसते हुए नागमणि ने कहा कि नीतीश कुमार का जितना जनाधार है उसके आधार पर उन्हें सिर्फ एक या दो सीट ही लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए दिया जाना चाहिए. नागमणि ने कहा कि अगर एनडीए नीतीश कुमार के चेहरे को आगे रखकर लोकसभा चुनाव लड़ती है तो हारना तय है.