बिहार के मधुबनी जिले में राष्ट्रीय राजमार्ग 57 पर स्थित सकरी बाजार उप स्वास्थ्य केंद्र किसी भी फिल्म निर्माता के लिए, जो भूतिया फिल्म बनाना चाहते हों, माकूल है. आज तक को जानकारी मिली कि सकरी बाजार के इस स्वास्थ्य केंद्र में ना तो कोई डॉक्टर है ना ही नर्स. काफी लंबे समय से यह बंद भी पड़ा है जिसकी वजह से स्वास्थ्य केंद्र की इमारत पूरी तरीके से खंडहर में तब्दील हो गई है और आसपास सिर्फ जंगली पेड़ पौधे देखने को मिल रहे हैं.
जर्जर हालत में स्वास्थ्य केंद्र
इससे स्वास्थ्य केंद्र में ना तो लोगों को उपचार मिलता है ना ही दवा. यह स्वास्थ्य केंद्र क्योंकि राष्ट्रीय राजमार्ग 57 पर स्थित है और आसपास दर्जनों गांव में हजारों लोग रहते हैं, ऐसे में इससे स्वास्थ्य केंद्र का कार्यरत नहीं होना लोगों के लिए मुसीबत का सबब है. इस स्वास्थ्य केंद्र में डॉक्टर समेत पांच स्वास्थ्य कर्मियों की नियुक्ति है लेकिन कोई भी यहां नहीं आता है.
बता दें, सकरी बाजार का यह स्वास्थ्य केंद्र 11 कमरों का है मगर हर कमरा जर्जर और बदहाल हालत में साफ नजर आता है. इससे स्वास्थ्य केंद्र की बदहाल सूरत देखकर साफ लगता है कि कई वर्षों से यहां पर कोई आया नहीं है जिसके कारण इसके दरवाजे और खिड़कियां भी टूट चुके हैं और यह असामाजिक तत्वों के लिए आरामगाह बनकर रह गया है.
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असामाजिक तत्वों का बना अड्डा
एक स्थानीय निवासी ने कहा है कि दिन के वक्त यहां कोई नहीं आता है मगर शाम को यहां पर असामाजिक तत्व आकर इसका इस्तेमाल करते हैं. इस इलाके में इस स्वास्थ्य केंद्र के खुलने की बहुत जरूरत है क्योंकि किसी भी मरीज को बीमार होने पर दरभंगा या फिर मधुबनी जाना पड़ता है.
पंदौल प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी डॉ. जे के महतो खुद बताते हैं कि कई बार उन्होंने स्वास्थ्य केंद्र की जर्जर हालत को लेकर सिविल सर्जन और जनप्रतिनिधियों को सूचित किया है मगर इसके बावजूद भी कुछ नहीं हुआ है. वे कहते हैं कि हम लोगों ने स्वास्थ्य केंद्र के बदहाली को लेकर सिविल सर्जन को भी लिखा है और विधायक को भी बताया है मगर केवल आश्वासन मिल रहा है कि जल्द इसका जीर्णोद्धार होगा. सरकार के आदेश के अनुसार अतिरिक्त स्वास्थ्य केंद्र को बंद किया गया हुआ था मगर जल्द ही इसे खोला जाएगा.