बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार विपक्षी एकजुटता की मुहिम में जुटे हुए हैं और उनकी पार्टी जेडीयू के अंदर नया विवाद खड़ा होता दिख रहा है. जेडीयू एमएलसी रामेश्वर महतो ने अपनी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा के ऊपर गंभीर आरोप लगाए हैं. महतो ने आरोप लगाया है की उमेश कुशवाहा पार्टी को कमजोर कर रहे हैं. ऐसे में नीतीश कुमार का मिशन 2024 कैसे पूरा होगा?
रामेश्वर महतो जेडीयू के एमएलसी हैं और वे कुशवाहा समाज से आते हैं. उनका आरोप है कि पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा संकुचित मानसिकता के तहत संगठन में काम कर रहे हैं और वे सभी नेताओं के साथ समानता नहीं रख रहे हैं. जेडीयू एमएलसी ने कहा है कि प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी पर बैठ कर उमेश कुशवाहा पार्टी को कमजोर कर रहे हैं. आरोप है कि प्रदेश अध्यक्ष सभी नेताओं को तरजीह नहीं दे रहे हैं.
नीतीश का मिशन कैसे होगा पूरा?
अपनी ही पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा के खिलाफ मोर्चा खोलने वाले जेडीयू एमएलसी रामेश्वर महतो ने कहा है कि नीतीश कुमार विपक्षी एकजुटता बैठक के ज़रिए देश में बड़ी पहल कर रहे हैं. देश नीतीश कुमार की तरफ देख रहा है, लेकिन उमेश कुशवाहा जिस तरह पार्टी में काम कार रहे हैं उससे नीतीश कुमार का मिशन कैसे पूरा होगा, ये बड़ा सवाल है.
रामेश्वर महतो ने उमेश कुशवाहा पर लगाए गंभीर आरोप
रामेश्वर महतो ने आरोप लगाया है कि कुछ लोग जेडीयू में रहकर पार्टी के खिलाफ ही साज़िश कर रहे हैं. बता दें कि महतो जेडीयू छोड़ने वाले पार्टी के संसदीय बोर्ड अध्यक्ष उपेन्द्र कुशवाहा के साथ बैठकों में शामिल होते रहे थे. उपेन्द्र कुशवाहा ने तो नई पार्टी बना ली लेकिन रामेश्वर महतो जेडीयू में ही रह गए. अब रामेश्वर महतो नीतीश कुमार के नेतृत्व में आस्था तो जता रहे हैं लेकिन पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा के ख़िलाफ़ मोर्चा खोल दिया है.
MLC के आरोपों पर दिया जवाब
वहीं जेडीयू एमएलसी के आरोपों पर प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा ने कहा कि रामेश्वर महतो जैसे धूर्त की बात पर क्या कहें. स्वार्थहीन, आधारहीन जैसे लोगों पर हम कोई नोटिस नहीं लेते. पार्टी का अपना नीति सिद्धांत है, एक प्रोटोकॉल है. प्रदेश अध्यक्ष किसी कार्यकर्ता, नेता, विधायक की बात नहीं सुनते तो वह राष्ट्रीय अध्यक्ष के पास जाते हैं. पार्टी के प्लेटफॉर्म पर बात होनी चाहिए. वह उपेंद्र कुशवाहा के गुण गाते हैं. नोटिस हम उनका लेते हैं जो हमारे लिए काम करते हैं. जिनको हम कुछ मानते ही नहीं हैं उनका हम नोटिस नहीं लेते.