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बिहार: फिसलती सत्ता को बचाने के लिए अमित शाह ने संभाली कमान, CM नीतीश से की फोन पर बात

बिहार की राजनीति में नीतीश कुमार की नाराजगी ने एक बार फिर नए समीकरणों को जन्म दे दिया है. कयास लगने लगे हैं कि एक बार फिर राज्य में सत्ता परिवर्तन हो सकता है. एक बार फिर नीतीश, तेजस्वी से हाथ मिला सकते हैं.

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सत्ता को बचाने के लिए अमित शाह ने संभाली कमान
सत्ता को बचाने के लिए अमित शाह ने संभाली कमान
स्टोरी हाइलाइट्स
  • बैठकों का दौर शुरू, नीतीश के पाले में गेंद
  • बयानबाजी से बच रहे BJP नेता, फैसले का इंतजार

बिहार की सियासत में तेजी से घटनाक्रम बदल रहा है. कुछ दिन पहले तक सब कुछ ऑल इज वैल का दावा करने वाले अब बैठकों में शामिल होने लगे हैं. राजनीतिक गलियारों में चर्चाओं का दौर शुरू हो चुका है. गेंद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खेमे में है और उनके फैसला का सभी को इंतजार चल रहा है. सवाल उठ रहे हैं कि क्या फिर नीतीश कुमार अपनी अंतरात्मा की आवाज सुनने वाले हैं? क्या एक बार फिर चुनाव से ठीक पहले वे कोई बड़ा खेल करने वाले हैं?

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नीतीश को विपक्ष से क्या ऑफर मिला?

अभी जेडीयू की विधायक दल की एक अहम बैठक होने वाली है. आरजेडी भी अपने विधायकों के साथ एक बैठक करेगी. कहा जा रहा है कि बैठक में बिहार की वर्तमान स्थिति पर मंथन होने वाला है, आगे की रणनीति पर विचार-विमश होगा. इन बैठकों से पहले ही बयानबाजी और ऑफर का सिलसिला शुरू हो चुका है. विपक्षी पार्टी CPIML(L) के नेता दिपांकर भट्टाचार्य ने शर्त रख दी है कि अगर जेडीयू बीजेपी का साथ छोड़ने को तैयार हो जाती है, तो उसे मदद की जा सकती है. इसी तरह आरजेडी की तरफ से भी एक नपा-तुला बयान सामने आया है. खुलकर तो समर्थन का कोई ऐलान नहीं हुआ है, लेकिन 'जनता का आदेश' और 'वर्तमान स्थिति' जैसे बयानों के जरिए कुछ संकेत जरूर दे दिए हैं.

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फिसलती बाजी को पलटेंगे शाह?

इस पूरे घटनाक्रम पर जब आजतक ने आरजेडी नेता मनोज झा से बात की तो उन्होंने राष्ट्रपति शासन लगने से तो साफ इनकार कर दिया. उन्होंने कहा कि हम इस समय राष्ट्रपति शासन लगता तो नहीं देख रहे हैं. अभी पहले देखना पड़ेगा कि आगे क्या होने वाला है. लोगों की जो भी राय रहेगी, हमारी पार्टी उसी के मुताबिक फैसला लेगी. वैसे इन तमाम बयानबाजी के बीच बीजेपी ने चुप्पी साध रखी है. पार्टी नेतृत्व ने अपने नेताओं को बिहार के घटनाक्रम को लेकर बयानबाज़ी न करने को कह दिया है. इसी वजह से मीडिया के सामने बीजेपी नेता ज्यादा नहीं आ रहे हैं, लेकिन नीतीश कुमार के मन में क्या चल रहा है, ये जानने का प्रयास लगातार जारी है. इसी वजह से खुद गृह मंत्री अमित शाह भी एक्शन में आ गए हैं. उन्होंने देर रात सीएम नीतीश से फोन पर बात की है. क्या चर्चा हुई, ये अभी तक साफ नहीं हुआ है.

बीजेपी से नाराजगी की क्या वजह?

खबर है कि प्रदेश बीजेपी के नेता नीतीश कुमार से बात कर रहे हैं. उन्हें समझाने का प्रयास भी हो रहा है, लेकिन नीतीश की तरफ से कोई स्पष्टता नहीं आ रही है. वैसे एक बात जरूर स्पष्ट हो चुकी है, इस समय नीतीश बीजेपी से नाराज चल रहे हैं. कई ऐसे मुद्दे हैं, जिस वजह से उनके और बीजेपी के बीच में तनाव की स्थिति पैदा हो गई है. फिर चाहे वो आरपीएन सिंह का मसला रहा हो या फिर स्पीकर विजय कुमार सिन्हा से नीतीश की लगातार होती तकरार. इसके अलावा नीतीश कुमार को ऐसा भी लगने लगा है कि आने वाले समय में बीजेपी बिहार में अपना मुख्यमंत्री बनवा सकती है. अभी इस समय वो सिर्फ उनका इस्तेमाल कर अपनी पार्टी का विस्तार कर रही है. अब क्योंकि नीतीश कुमार के मन में ये तमाम शंकाएं घर कर चुकी हैं, ऐसे में वे फिर अपनी अंतरात्मा की आवाज सुन पाला बदल सकते हैं.

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