बिहार सरकार ने आर्थिक आधार पर सवर्णों को आरक्षण देने की मांग को नकार दिया है. दरअसल, रविवार को जनता दल यू के राज्य कार्यकारिणी की बैठक में सवर्णों को आर्थिक आधार पर आरक्षण देने की मांग उठी लेकिन पार्टी ने इसे खारिज कर दिया. बैठक में पूर्व मंत्री नरेंद्र सिंह ने यह मांग उठाई.
उन्होंने कहा कि गरीब सर्वणों को आरक्षण देने की मांग को पार्टी को समर्थन करना चाहिए. नरेंद्र सिंह ने आगे कहा कि सवर्णों का एक बड़ा तबका इसकी लगातार मांग कर रहा है. ऐसे में अगर जेडीयू इसका समर्थन करती है तो उसे राजनीतिक रूप से काफी लाभ मिल सकता हैं.
पूर्व मंत्री की इस मांग के बाद उसका जबाव देने के लिए मंत्री विजेंद्र यादव खड़े हुए. विजेंद्र यादव ने कहा कि आरक्षण का गरीबी से कोई वास्ता नहीं है. आरक्षण का आधार अलग है. दलित-पिछड़े 5 हजार साल से सताए गए हैं. उन्हें सामाजिक आधार पर आरक्षण मिला है. आर्थिक आधार पर आरक्षण का सवाल ही कहां उठता है.
आरसीपी सिंह ने सिरे से खारिज कर दिया
इसके बाद नीतीश कुमार के नजदीकी और जेडीयू के महासचिव आरसीपी सिंह ने सर्वणों के आरक्षण की मांग को सिरे से खारिज कर दिया. आरसीपी सिंह ने कहा कि संविधान में सवर्णों को आरक्षण की कोई व्यवस्था नहीं है. ऐसे में उन्हें आरक्षण नहीं दिया जा सकता.
आरसीपी सिंह ने कहा कि सवर्णों के लिए आरक्षण की मांग करने वाले जानबूझ कर बखेड़ा खड़ा कर रहे हैं. बता दें कि जेडीयू के कुछ नेताओं ने सवर्णों को आर्थिक आधार पर आरक्षण देने की वकालत की थी.
इससे पहले आरजेडी ने भी सर्वणों को आर्थिक आधार पर आरक्षण देने की मांग को इस आधार पर ठुकरा दिया था कि जबतक जातीय जनगणना सार्वजनिक नहीं हो जाती और ये नहीं पता चलता कि कौन सी जाति कहां खड़ी है तबतक वो आर्थिक आधार पर आरक्षण देने की वकालत नहीं कर सकते हैं.