गंगा में शराब बहाना बिहार पुलिस को महंगा पड़ सकता है. पटना हाई कोर्ट में इसके खिलाफ एक जनहित याचिका दायर की है. आजतक की एक खबर के आधार बनाकर यह याचिका दायर की गई है. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी कहा कि गंगा या किसी नदी में शराब बहाना बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है. नीतीश कुमार ने कहा कि शराबबंदी के कानून का उल्लघन करने वालों को बक्शा नही जाएगा. चाहे वो कोई भी हो. जनता दल यू के युवा अध्यक्ष के रिश्तेदारों को शराब के साथ पकड़ने की घटना पर कहा कि कोई भी किसी को छोडा नही जायेगा.
गंगा में बहाये गए हजारों लिटर शराब बहाना महंगा पड़ा. आजतक ने खबर को प्रमुखता से छापा था . 13 मई को छपे इस खबर में कहा गया था कि नीतीश की पुलिस ने पीएम के नमामि गंगे योजना कि धज्जियां उडाई. इसी खबर को आधार पर पीआईएल दाखिल किया गया है. खबर के मुताबिक पटना के दियारा क्षेत्र में गुप्त सूचना के आधार पर पुलिस ने कार्रवाई करते हुए हजारों लिटर शराब बरामद की कुछ अवैध भठ्ठियां गंगा के किनारे थी. वहां ड्रम में रखे शराब को गंगा में बहा दिया गया. पटना हाईकोर्ट के अधिवक्ता मणिभूषण प्रसाद सेंगर ने बिहार सरकार और बिहार सरकार की पुलिस के खिलाफ जनहित याचिका पटना हाईकोर्ट में दायर किया है.
पटना हाईकोर्ट से इस मामले में कार्रवाई की मांग करते हुए यूनियन आफ इंडिया, बिहार के चीफ सेकेट्ररी, वाटर कंट्रोल बोर्ड, बिहार के डीजीपी होम सेक्रेटरी और पटना के एसएसपी तथा अन्य पुलिसवालों को पार्टी बनाया गया है. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि इसे कतई बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है कि शराब को गंगा या किसी अन्य नदी में बहाया जाए. सरकार के तरफ से स्पष्ट्र आर्डर है कि शराब को धरती पर नष्ट करना है.
नीतीश कुमार ने कहा कि शराबबंदी के कानून के साथ कोई खिलवाड़ करेगा उसे बक्शा नहीं जाएगा चाहे कोई भी हो. उन्होंने यूवा जनता दल के अध्य़क्ष संजय कुमार सिंह के ससुर और साले के शराब के साथ पकडे जाने का जिक्र करते हुए कहा कि पुलिस को धन्यवाद देना चाहिए कि रूलिंग पार्टी के नेताओं के रिश्तेदारों को भी नही छोड रही है. उन्होंने कहा कि चाहे कोई व्यक्ति किसी पद हो, सरकारी अधिकारी या कर्मचारी हो कोई भी हो उस पर कार्रवाई होगी.