राष्ट्रीय योजना के तहत फसल बीमा योजना से किसानों से ज्यादा बीमा कंपनियों को फायदा पहुंच रहा है. लिहाजा बिहार सरकार ने राज्य फसल सहायता योजना लागू करने का निर्णय लिया है. यह बात बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कही.
नीतीश कुमार ने जहानाबाद में स्वत्रंत्रता सेनानी स्वर्गीय सुखदेव प्रसाद वर्मा के मूर्ति अनावरण के अवसर पर लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि राष्ट्रीय योजना के तहत फसल बीमा योजना लागू थी. इसके अंतर्गत बीमा कंपनियों को बराबर राशि केंद्र और राज्य सरकार प्रीमियम के रूप में देती थी और 2 प्रतिशत प्रीमियम किसानों को भी देना पड़ता था.
उन्होंने कहा कि फसल बीमा योजना का लाभ किसानों को उतना भी नहीं मिल पाता है, जितना बीमा कंपनियों को राज्य एवं केंद्र सरकार से प्रीमियम के रूप में मिलता है. खरीफ और रबी फसलों के लिए बीमा कंपनियों को 400- 400 करोड़ रुपये प्रीमियम के रूप में केंद्र एवं राज्य सरकार देती है और किसानों को सिर्फ 150 करोड़ का ही लाभ मिल पाता है.
बता दें कि फसलों के नष्ट होने, कम उपज होने पर कृषकों की सहायता करने के लिए राज्य सरकार ने फसल बीमा योजना के समानांतर बिहार राज्य फसल सहायता योजना लागू करने का निर्णय किया है. इसके तहत किसानों को होने वाले नुकसान का आकलन कर उसके अनुसार सहायता दी जाएगी. मुख्यमंत्री ने कहा कि इसके बारे में विज्ञापन और जिला प्रशासन के द्वारा भी लोगों की पूरी जानकारी दी जाएगी.
उन्होंने कहा कि इसी साल से खरीफ फसल से ही यह योजना लागू हो जाएगी. इसके लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की व्यवस्था होगी. इस योजना के साथ- साथ आपदा के समय जो फसल की क्षति होती है. किसानों को अगले फसल के लिए जो सहायता दी जाती है, वो भी जारी रहेगी. हमलोग जितना संभव है किसानों की सहायता करते रहेंगे. समाज के न्याय के हर तबके के विकास के लिए प्रयत्नशील हैं. न्याय के साथ विकास का काम किया जा रहा है.