बिहार की राजनीति में नीतीश कुमार के एक फैसले ने बीजेपी को सत्ता से बेदखल कर दिया है. बुधवार को नीतीश कुमार फिर मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने वाले हैं, लेकिन इस बार सरकार वे आरजेडी, कांग्रेस, लेफ्ट और कुछ दूसरे दलों के साथ मिलकर बना रहे हैं. पार्टी तोड़ने के आरोप में बीजेपी से नाता तोड़ नीतीश कुमार फिर तेजस्वी के साथ चले गए हैं. कल दोपहर 2 बजे उनका शपथ ग्रहण समारोह भी होने वाला है. मंत्रिमंडल को लेकर भी खबरें सामने आ रही हैं. आइए बिहार के इस सियासी ड्रामे के 10 बड़े अपडेट जानते हैं
1. बिहार में नीतीश कुमार एनडीए से अलग हो गए हैं. 2020 में उनके साथ सरकार बनाने वाले नीतीश ने दो साल बाद ही फिर पाला बदल लिया है. तर्क दिया गया है कि बीजेपी ने पार्टी तोड़ने की कोशिश की, वादों को पूरा नहीं किया. इसी वजह से जेडीयू, एनडीए से अलग हो गई है. विधायक दल की बैठक में जेडीयू गठबंधन टूटने का औपचारिक ऐलान भी किया था.
2. अब यहां नीतीश ने जब बीजेपी से ब्रेकअप का ऐलान किया, तो उस समय आरजेडी भी अपने विधायकों की बैठक कर रही थी. उस बैठक में भी आगे की रणनीति पर मंथन हो रहा था. बैठक में विधायकों से फोन बाहर रखने के लिए कहा गया था. तब बैठक के बाद कांग्रेस विधायक शकील अहमद ने दावा किया कि नीतीश कुमार ही महागठबंधन के मुख्यमंत्री होंगे.
3. इन बैठकों के बाद नीतीश कुमार ने राज्यपाल से मिलने का फैसला किया. विधायक दल की बैठक में अलग होने का मन तो बना ही लिया गया था, समय इस्तीफा देने का आ गया था. लिहाजा दोपहर चार बजे नीतीश कुमार ने राज्यपाल से मुलाकात की और अपना इस्तीफा उन्हें सौंप दिया. उस इस्तीफे के साथ ही बिहार में एनडीए सरकार गिर गई.
4. इस एक इस्तीफे के बाद बिहार में स्थिति काफी तेजी से बदली. बिना समय गंवाए नीतीश कुमार सबसे पहले राबड़ी देवी के आवास पर गए. वहां पर उन्होंने तेजस्वी यादव से मुलाकात की. साफ कहा गया कि 2017 में गठबंधन तोड़ने पर उन्हें अफसोस है, लेकिन अब वे नई शुरुआत करना चाहते हैं. उस बैठक में तेज प्रताप भी मौजूद थे जिन्होंने बाद में बताया था कि नीतीश से पुराने संबंध रहे हैं और आगे भी रहने वाले हैं.
5. उस मुलाकात के बाद दोनों नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव हरकत में आए और साथ में ही राजभवन गए. वहां दोनों नेताओं ने सरकार बनाने का दावा पेश किया, विधायकों के समर्थन वाली चिट्ठी भी सौंपी गई. उस चिट्ठी में 164 विधायकों के समर्थन का दावा किया गया. आंकड़ों के लिहाज से ये एक स्पष्ट बहुमत था जिससे आसानी से नई सरकार का गठन हो सकता है.
6. राज्यपाल से मुलाकात के बाद नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव ने मीडिया से बातचीत की. उस बातचीत में नीतीश कुमार ने ऐलान किया कि कुल सात पार्टियां एक साथ मिलकर सरकार बनाने जा रही हैं. उन्होंने कहा कि ये महागठबंधन बिहार की सेवा करने वाला है और विकास की नई राह तय करेगा.
7. उस मीडिया बातचीत में तेजस्वी यादव काफी आक्रमक नजर आए. उन्होंने बीजेपी पर स्थानीय पार्टियों को तोड़ने का आरोप लगा दिया. यहां तक कहा कि पंजाब में अकाली और महाराष्ट्र में शिवसेना के साथ बीजेपी ऐसा कर चुकी है और अब बिहार में जेडीयू के साथ भी वैसा ही हो रहा था. तेजस्वी ने साफ कर दिया कि चाचा और भतीजे के बीच में कुछ समय के लिए लड़ाई जरूरी हुई थी, लेकिन अब वे दोनों फिर साथ आ गए हैं.
8. अब जब नीतीश और तेजस्वी नई सरकार का ऐलान कर रहे थे, बिहार बीजेपी ने भी अपनी कोर कमेटी की एक अहम बैठक की. उस बैठक में रविशंकर प्रसाद, गिरिराज सिंह जैसे नेताओं ने शिरकत की. बैठक के बाद गिरिराज सिंह ने दो टूक कहा कि बिहार की जनता नीतीश कुमार को सबक सिखाने वाली है. वहीं रविशंकर प्रसाद ने भी स्पष्ट कर दिया कि नीतीश कुमार ने जनादेश का अपमान किया है.
9. इस बयानबाजी के बाद राजभवन से बड़ी खबर आई. कल दोपहर दो बजे नीतीश कुमार की ताजपोशी तय कर दी गई. वे आठवीं बार बिहार के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेंगे. उनके साथ तेजस्वी यादव भी डिप्टी सीएम के लिए शपथ ले सकते हैं. मंत्रिमंडल को लेकर भी जानकारी सामने आई है. एक तरफ आरजेडी के कोटो से 16 मंत्री बन सकते हैं तो वहीं जेडीयू के खाते में 13 मंत्रालय आ सकते हैं.
10. अब कल एक तरफ नई सरकार का शपथ ग्रहण समारोह होने वाला है, तो वहीं दूसरी तरफ बीजेपी सुबह 11 बजे से धरना देने वाली है. उनकी तरफ से उस शपथ ग्रहण का विरोध भी किया जाएगा और नीतीश के धोखे के खिलाफ भी प्रदर्शन होगा. उस धरने में पार्टी के तमाम कार्यकर्ताओं को शामिल होने का निर्देश दिया गया है.