मुख्यमंत्री नीतीश कुमार चार दिवसीय दौरे पर जापान रवाना हो चुके हैं. अपने जापान दौरे के दौरान नीतीश बिहार में विकास के लिए निवेश के मौके तलाशेंगे. नीतीश की इसी विदेश यात्रा को लेकर आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने उन पर हमला किया है और कहा है कि जब तक मुख्यमंत्री बिहार को आरसीपी टैक्स से मुक्त नहीं कराएंगे, तब तक प्रदेश का विकास नहीं होगा.
ऐसे में सवाल उठता है कि बिहार में यह “आरसीपी टैक्स” क्या है? तेजस्वी यादव की मानें तो नीतीश कुमार के करीबी और राज्यसभा सांसद आरसीपी सिंह के नाम पर ही प्रदेश में आरसीपी टैक्स वसूला जा रहा है. तेजस्वी का आरोप है कि जब तक बिहार में आरसीपी टैक्स नहीं दिया जाता है, किसी का कोई काम नहीं होता है.
तेजस्वी ने ट्वीट करके कहा कि बिहार में आरसीपी टैक्स की उपलब्धियों, खूबियों और संभावनाओं के दम पर नीतीश निवेश की चर्चा करने के लिए जापान गए हैं. तेजस्वी ने कहा कि जब तक बिहार में आरसीपी टैक्स लागू रहेगा, तब तक प्रदेश में कोई विकास या निवेश नहीं हो सकता. तेजस्वी ने मांग की कि नीतीश को पहले प्रदेश को आरसीपी टैक्स से मुक्त कराना चाहिए.
वहीं नीतीश की जापान यात्रा को लेकर तेजस्वी ने यह भी कहा कि उन्हें जापान में अपने नेतृत्व में बिहार में हुए 40 घोटालों, भ्रष्टाचार, लूट, अपहरण, बलात्कार, हत्या और दलितों पर हुए अत्याचारों के आंकड़े जरूर पेश करने चाहिए. तेजस्वी ने कहा कि जापान में नीतीश को यह सब आंकड़े पेश करना इसलिए जरूरी है, क्योंकि पिछले 5 महीने में उन्होंने बिहार सरकार के वेबसाइट पर यह सभी आंकड़े अपडेट नहीं की है.
नीतीश पर तंज कसते हुए तेजस्वी ने कहा कि अगर जापान के लोगों को नीतीश के बारे में बाद में यह सब बातें पता चलेंगे तो बेहद शर्मिंदगी होगी.
आरसीपी टैक्स को लेकर तेजस्वी के हमले का जवाब देते हुए जदयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा कि पहले तेजस्वी को यह बताना चाहिए कि 1991 से 2005 के बीच जब लालू-राबड़ी की बिहार में सरकार थी और प्रदेश में 5243 फिरौती के लिए अपहरण कांड हुए थे वह किसके इशारे पर हुए थे और लालू परिवार ने कितना जीएसटी (गुंडा सर्विस टैक्स) कि वसूली की थी.