बिहार में पंचायत चुनाव के दौरान अगर मतदानकर्मी की मौत कोविड से होगी तो उनके निकटतम आश्रितों को 30 लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी. पंचायती राज विभाग ने यह ऐलान किया है. शनिवार को जारी आदेश में विभाग ने कहा है कि अगर चुनाव के दौरान मतदानकर्मियों की मौत कोविड के अलावा उग्रवादी घटना से भी होगी तो भी सहायता राशि 30 लाख ही दी जायेगी. वहीं अन्य किसी वजह से मौत होने पर सहायता राशि 15 लाख रुपये होगी.
सरकार के मुताबिक अगर उग्रवादी या हिंसात्मक कार्रवाई, जैसे- रोड माईन्स, बम विस्फोट, सशस्त्र आक्रमण के दौरान कर्मचारी की मौत होती है तो मतदानकर्मियों को 30 लाख का मुआवजा दिया जायेगा. वहीं स्थाई विकलांगता पर 7.5 लाख रुपयों की सहायता राशि दी जाएगी.
दरअसल बिहार में कोरोना काल के दौरान पंचायत चुनाव हो रहे हैं. ग्राम पंचायतों और ग्राम कचहरियों के पदों के लिए चुनावों का आयोजन कराया जा रहा है.
24 सितंबर से चुनाव के पहले चरण की शुरूआत हो रही है जो 12 दिसंबर तक 11 चरणों में चलेगी. इस व्यापक चुनाव में मतदान करने के लिए 1 लाख 20 हजार मतदान केन्द्र बनाए गए हैं. पिछले बिहार विधानसभा चुनाव में करीब एक लाख मतदान केन्द्र बनाए गए थे लेकिन पंचायत चुनावों में मतदान केन्द्र की संख्या बढ़ गई हैं.
पंचायत चुनाव लड़ सकती हैं बिहार में ब्याही नेपाल की बेटियां, लेकिन आरक्षण लाभ नहीं
चुनाव प्रक्रिया के दौरान कोविड नियमों का होगा पालन
राज्य में पहली बार पंचायत आम चुनाव मल्टी पोस्ट ईवीएम के माध्यम से कराया जा रहा है. इस प्रक्रिया में राज्यभर के लगभग 5 लाख सरकारी गैर सरकारी और अन्य कर्मियों को इसमें शामिल किया जाएगा. चुनावी कार्यक्रम के दौरान, कोविड नियमों का पालन अनिवार्य होगा. बिहार विधानसभा का चुनाव भी कोविड काल में ही पिछले साल कराया गया था.
अपंग होने पर 7.5 लाख रुपये की मिलेगी मदद
पंचायती राज विभाग ने अपने आदेश में कहा है कि स्थाई विकलांगता या अंग-भंग, अंधापन होने पर 7.5 लाख रुपये की मदद की जाएगी. लेकिन उग्रवादी या असामाजिक तत्वों के खिलाफ कार्रवाई में इस प्रकार कि विकलांगता होती है तो सहायता राशि दोगुनी यानि 15 लाख रूपये दी जाएगी. किसी मतदानकर्मी की मृत्यु किस वजह से हुई है इसकी अनुशंसा जिलाधिकारी और सह जिला निर्वाचन अधिकारी करेंगे.
जिलाधिकारी को बताना होगा मौत की वजह!
अगर कोविड से किसी की मौत होती है तो जिलाधिकारी को यह स्पष्ट्र करना होगा कि उस मतदानकर्मी की मौत निर्वाचन कर्तव्य के दौरान कोविड से हुई है. राज्य निर्वाचन आयोग ने पंचायती राज विभाग के आदेश को संलग्न कर बिहार के सभी जिलाधिकारियों को पत्र भेजकर सूचित किया है.
किन लोगों को मिलेगी आर्थिक मदद?
विभाग ने यह भी बताया है कि किन किन मतदानकर्मियों की मौत पर ये सहायता राशि दी जा सकती है. पंचायती राज विभाग के मुताबिक पंचायत निर्वाचन के अवसर पर निर्वाचन में लगाए गए सभी लोग इस आदेश के अंतर्गत आएंगे.
30 लाख की मिलेगी मदद!
पंचायतीराज विभाग ने यह भी अपने आदेश में लिखा है कि उग्रवादी या असमाजिक तत्वों की हिंसात्मक कार्रवाईयों में मृत्यु होने पर, पंचायत निर्वाचन कार्य में लगाए गए, किसी चुनाव कर्मी या सुरक्षा कर्मी के लिए, केन्द्र या राज्य सरकार से अगर किसी अन्य योजना के तहत भी लाभ मिलता है तो भी राज्य सरकार निर्धारित 30 लाख सीमा तक ही वित्तीय मदद देगी.