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2016-17 तक एक करोड़ लोगों के क्षमता विकास का लक्ष्य

बिहार सरकार ने वर्ष 2016-17 तक प्रदेश के एक करोड़ लोगों की क्षमता विकास करने का लक्ष्य रखा है.

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फाइल फोटो: नीतीश कुमार
फाइल फोटो: नीतीश कुमार

बिहार सरकार ने वर्ष 2016-17 तक प्रदेश के एक करोड़ लोगों की क्षमता विकास करने का लक्ष्य रखा है.

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पटना में आयोजित मानव विकास मिशन की राज्यस्तरीय समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बताया कि वर्ष 2016-17 तक प्रदेश के एक करोड लोगों की क्षमता विकास करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है.

राज्य के मुख्य सचिव एके सिन्हा ने बताया कि बैठक के दौरान प्रदेश में मानव सूचकांक की आज क्या स्थिति है और अगले पांच व दस साल के बाद हमें इन सूचकांक में कहां रहना चाहिए, इस बात पर गंभीरता से विचार किया गया और इसके लिए लक्ष्य निर्धारित किए गए. उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री ने वर्ष 2016-17 तक प्रदेश के एक करोड़ लोगों की क्षमता विकास के तय लक्ष्य को पाने के लिए मानव विकास से संबंधित रोड मैप अगले दो माह के भीतर तैयार कर लिए जाने का निर्देश दिया है.

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सिन्हा ने बताया कि इसके लिए प्रदेश के 20 कॉलेजों को सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बनाया जा रहा है. दरभंगा के सीएम साइंस कॉलेज, मधुबनी केआरके कॉलेज में मखाना की खेती कैसे हो, इसके लिए छह महीने का एक कोर्स चलाया जा जाएगा, जो कि कृषि कॉलेज से संबद्ध होगा. उन्होंने बताया कि हर अंगीभूत कॉलेजों में बीएड, बीबीए और एमबीए का अतिरिक्त कोर्स शुरू किया जाएगा.

सिन्हा ने बताया कि इसके लिए शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव के नेतृत्व में चार सदस्यीय एक समिति बनायी जाएगी जो तकनीकी शिक्षा के लिए कार्य-योजना तैयार करेगी.

उन्होंने कहा कि ऐसा देखा गया है कि जहां शिक्षा की कमी है, वहां पर बाल विवाह और आबादी अधिक है, जिसपर रोक और नियंत्रण के लिए मुख्यमंत्री ने ऐसे स्थानों पर हाई स्कूल की स्थापना किए जाने और सभी को साक्षर किए जाने का निर्देश दिया है.

सिन्हा ने बताया कि प्रत्येक इंजीनियरिंग कॉलेजों में प्रबंधन की भी पढा़ई शुरू किए जाने और आईटी लिटरेसी से महिलाओं को जोडे़ जाने का मुख्यमंत्री ने निर्देश देते हुए कहा है कि स्कूली शिक्षकों को कम्प्यूटर शिक्षा, भाषा व गणित में पारंगत होने की जरूरत है और इसके लिए उन्हें संकुल एवं बिपार्ड से प्रशिक्षण दिया जाए. बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रत्येक पंचायत में उच्च विद्यालय खोलने और दस लाख स्वयं सहायता समूह का गठन होने के बाद बिहार में सामाजिक स्तर जबर्दस्त बदलाव आएगा. उन्होंने कहा कि स्वयं सहायता समूह के गठन का मकसद लोगों की गरीबी दूर करना और उन्हें योग्य बनाना है.

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बैठक में मुख्यमंत्री के अलावा कई अन्य मंत्री और विभागीय प्रधान सचिव और अधिकारी उपस्थित थे.

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