हाल ही एनआईए ने खुलासा कि लियाकत अली नाम के शख्स को दिल्ली पुलिस ने पकड़ा, आतंकवादी बनाया और कहानी गढ़ दी कि दिल्ली दहलने वाली थी. एनआईए की रिपोर्ट से दिल्ली पुलिस की खूब किरकिरी हुई, वहीं अब पुलिस द्वारा 'देशद्रोही' बनाने का ताजा मामला बिहार में सामने आया है. बताया जाता है कि पूर्वी चंपारण जिला पुलिस के एक दारोगा ने रिश्वत न मिलने पर छात्र के पासपोर्ट आवेदन की सत्यापन रिपोर्ट में उसे देशद्रोही करार दे दिया.
हिंदी अखबार 'दैनिक जागरण' की खबर के मताबिक, छात्र कुमार मिथिलेश का सत्यापन छतौनी थाने के अवर निरीक्षक रविरंजन कुमार रवि के पास गया था. मिथिलेश सीतायन कुंज निवासी अधिवक्ता रामकुमार गुप्ता का बेटा है. विदेश से उच्च शिक्षा लेने की बाबत उसने पासपोर्ट का आवेदन दिया. जबकि पुलिस सत्यापन की रिपोर्ट में दरोगा रविरंजन ने उसे देशद्रोही के साथ ही फौजदारी के मुकदमे में सजायाफ्ता, कोर्ट द्वारा विदेश जाने पर पाबंदी, गिरफ्तारी वारंट आदि लिख डाला.
मिथिलेश के पिता का अरोप है कि रिपोर्ट में उनके पुत्र के बारे में लिखी गईं बातें पूरी तरह गलत हैं. सत्यापन अधिकारी रवि ने उनसे घूस की मांग की थी, जिसे नहीं देने पर ऐसा कदम उठाया गया है. उन्होंने वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों से मामले में हस्तक्षेप की मांग की है.
दूसरी ओर, दरोगा का कहना है कि यह मानवीय भूल है और उसने जानबूझकर ऐसी गलती नहीं की है. मोतिहारी पुलिस उपाधीक्षक गौरीशंकर सिंह ने बताया कि यह गंभीर मामला है. इसकी जांच कराई जा रही है.