बिहार में पुलिस की कार्यशैली को लेकर हमेशा सवाल उठते रहते हैं और इसका सीधा असर राज्य की कानून-व्यवस्था पर पड़ता है. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्य में पुलिस थानों की स्थिति जानने के लिए एक नया प्रयोग किया हैं जिसकी शुरुआत पटना से की गई है.
राज्य के मुख्य सचिव के निर्देश पर भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) और बिहार प्रशासनिक सेवा के 18 अधिकारी पटना के विभिन्न थानों में जाकर पुलिस की कार्यशैली का आकलन किया.
इन सारे अधिकारियों को गुप्त रूप से मंगलवार की रात के वक्त थानों का निरिक्षण करने भेजा गया था. अधिकारियों का मुख्य काम पुलिस और जनता के बीच व्यवहार को देखना था. साथ ही अपने काम के प्रति जवाबदेही का किस स्तर पर निर्वहन हो रहा है, इसका आकलन करना था.
अधिकारियों के इस ग्रुप में कुल 18 अधिकारी शामिल किए गए. ये अधिकारी पटना के 18 थानों में गए और वहां का जायजा लिया. अधिकारियों को अपनी काल्पनिक शिकायत लेकर थाना जाने एवं थाने में तैनात पुलिस के व्यवहार और कार्यशैली को देखना फिर अपनी असल पहचान को बताना था.
इन सभी अधिकारियों ने रात 9 से 11 बजे के बीच इन 18 थानों का निरीक्षण किया. विभिन्न थानों का निरीक्षण करने के बाद इन अधिकारियों ने जो रिपोर्ट दी उसके अनुसार थाने में तैनात पुलिस अधिकारियों और जवानों का व्यवहार अच्छा रहा.
उपस्थित पुलिस पदाधिकारियों ने शिकायतों को गंभीरतापूर्वक सुना, समझा और नियमानुकूल कार्रवाई करने में तत्परता दिखाई. हालांकि कुछ थानों में शिकायत दर्ज कराने में इन अधिकारियों को कई मुश्किलों का भी अनुभव हुआ.