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बिहार की राजनीति में सक्रिय हुए लालू, चिराग के पास श्याम रजक को भेज बढ़ाई सरगर्मी

बिहार की सियासत में इन दिनों शह-मात का खेल जारी है. आरजेडी के राष्ट्रीय महासचिव श्याम रजक ने एलजेपी प्रमुख चिराग पासवान से मुलाकात कर राजनीतिक बदलाव के संकेत दिए. वहीं, दूसरी तरफ आरजेडी के वरिष्ठ नेता अब्दुल बारी सिद्दीकी पूर्व सांसद प्रभुनाथ सिंह और शहाबुद्दीन के परिवार से मिले. इस मुलाकात के सियासी मायने निकाले जाने लगे हैं. 

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श्याम रजक और चिराग पासवान
श्याम रजक और चिराग पासवान
स्टोरी हाइलाइट्स
  • चिराग पासवान को साधने में जुटी आरजेडी
  • बिहार में महागठबंधन का हिस्सा होंगे चिराग?
  • श्याम रजक दलितों को साधने के मोर्चे पर जुटे

बिहार की सियासत में आरजेडी सुप्रिमो लालू प्रसाद यादव एक फिर से सक्रिय हो गए हैं और अपने करीबी नेताओं के जरिए पार्टी के सियासी समीकरण को मजबूत करने के मोर्चे पर जुट गए हैं. आरजेडी के राष्ट्रीय महासचिव श्याम रजक ने एलजेपी प्रमुख चिराग पासवान से मुलाकात कर राजनीतिक बदलाव के संकेत दिए. वहीं, दूसरी तरफ आरजेडी के वरिष्ठ नेता अब्दुल बारी सिद्दीकी पूर्व सांसद प्रभुनाथ सिंह और शहाबुद्दीन के परिवार से मिले. इस मुलाकात के सियासी मायने निकाले जाने लगे हैं. 

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बता दें कि एलजेपी प्रमुख चिराग पासवान अपने चाचा पशुपति पारस के बगापत के बाद सियासी संकट का सामना कर रहे हैं. बीजेपी ने भी चिराग से किनारा कर लिया हैं. ऐसे में आरजेडी की ओर से लगातार चिराग को साथ आने का ऑफर दिया जा रहा है. इतना ही नहीं आरजेडी ने 5 जुलाई को अपनी स्थापना दिवस मौके पर एलजेपी के संस्थापक रामविलास पासवान को श्रद्धांजलि देने के साथ कार्यक्रम की शुरूआत की थी. वहीं, रामविलास पासवान के बेटे चिराग पासवान को साधकर लालू अपने पुराने दलित-यादव-मुस्लिम समीकरण मजबूत करना चाहती हैं.  

दलित समीकरण को मजबूत में महागठबंधन जुटा

बिहार में दलित राजनीति का मजबूत चेहरा माने जाने वाले श्याम रजक ने चुनाव से ठीक पहले जेडीयू छोड़कर आरजेडी का दामन थाम लिया था. वो लालू परिवार के करीबी नेताओं में गिने जाते हैं और आरजेडी ने उन्हें दलित वोटों का साधने के मोर्चे पर लगा रखा है. श्‍याम रजक ने रविवार को दिल्ली में चिराग पासवान से मुलाकात की है. हालांकि, तेजस्वी यादव ने पहले ही आगे बढ़ कर चिराग को साथ आने का ऑफर दिया था. 

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चिराग पासवान से मुलाकात पहले श्याम रजक ने शनिवार को आरजेडी प्रमुख लालू यादव, बिहार कांग्रेस प्रभारी भक्त चरण दास और पूर्व लोकसभा स्पीकर मीरा कुमार से भी मुलाकात की है. दलित नेताओं से श्याम रजक की मुलाकात को चिराग पासवान को महागठबंधन के साथ लाने की रणनीति के तौर पर देखा जा रहा है. हालांकि, श्याम रजक ने चिराग पासवान से मुलाकात को व्‍यक्तिगत बताया है.  

लालू  यादव के दूत बने श्याम रजक 

श्याम रजक ने aajtak.in से बातचीत में कहा कि चिराग पासवान से व्यक्तिगत मुलाकात थी और कोई राजनीतिक बात नहीं हुई है. इसे राजनीतिक नजरिए से नहीं देखा जाना चाहिए. हालांकि, श्याम रजक ने एक अहम बात जरूर कही कि एक-एक ईंट जोड़कर घर बनता है. महागठबंधन की सभी पार्टियां चाहती हैं कि महागठबंधन और अधिक मजबूत हो. ऐसे में अगर चिराग पासवान महागठबंधन में आते हैं तो स्वागत हैं, लेकिन हमारी इस दिशा में उनसे कोई बात नहीं हुई है. 

सिद्दीकी के जरिए मुस्लिमों को साध रहे लालू

वहीं, आरजेडी के वरिष्ठ नेता अब्दुल बारी सिद्दीकी ने शहाबुद्दीन के परिवार से भी मुलाकात किया. यही नहीं शहाबुद्दीन की बेटी के इंगेजमेंट कार्यक्रम में अब्दुल बारी सिद्दीकी मोतिहारी भी पहुंचे थे. सिद्दीकी आरजेडी के मुस्लिम चेहरा माने जाते हैं और लालू के करीबी नेताओं में गिना जाता है. शहाबुद्दीन परिवार से उनके मुलाकात के भी सियासी मायने निकाले जा रहे हैं, क्योंकि पिछले दिनों शहाबुद्दीन परिवार की नाराजगी बात भी सामने आई थी. ऐसे में साफ जाहिर है कि आरजेडी यादव के साथ-साथ दलित और मुस्लिम वोटबैंक को साथ बनाए रखना की कवायद में है. 

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जेडीयू के मुख्य प्रवक्ता और विधान पार्षद नीरज कुमार ने बिना नाम लिए कहा कि अगर दो फुटे कारतूस साथ भी आ जाएं तो भी नतीजा सिफर ही होता है. उन्होंने विधानसभा चुनाव को लेकर कहा कि अघोषित तौर पर 2020 विधानसभा चुनाव में साथ आने का नतीजा क्या हुआ? बिहार को नीतीश कुमार जैसा मेहनती और दूरदर्शी नेता पसंद है. बाकी दोनों फुंके कारतूस अब मिलकर जनता का मनोरंजन करें तो अच्छा ही है. जेडीयू का इशारा साफ तेजस्वी यादव और चिराग पासवान की ओर है. ऐसे में देखना है कि आरजेडी की मशक्कत किया सियासी गुल खिलाती है. 
 

 

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