
बिहार की राजनीति में एकाएक हलचल बढ़ने लगी है. लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) में टूट हो गई है और अब वर्चस्व की लड़ाई लड़ी जा रही है. पहले रामविलास पासवान के भाई पशुपति पारस ने पांच सांसदों के साथ मिलकर पार्टी पर अपना दावा ठोका, बाद में चिराग पासवान को राष्ट्रीय अध्यक्ष के पद से हटा दिया. फिर चिराग पासवान ने एक्शन लिया और पांचों सांसदों को पार्टी से निकाल दिया.
बुधवार को भी इस मसले पर घमासान जारी रहा, पहले चिराग पासवान को दोपहर एक बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस करनी थी, लेकिन अंतिम वक्त में इसे रद्द कर दिया गया. अब देखना होगा कि चिराग पासवान का अगला कदम क्या रहता है.
चिराग पासवान की ओम बिड़ला को चिट्ठी
चिराग पासवान द्वारा अब लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला को चिट्ठी लिखी गई है. चिराग ने अपील की है कि पार्टी के संसदीय दल के नेता के रूप में पशुपति पारस को मान्यता देने के फैसले पर फिर से विचार किया जाए.
चिराग का कहना है कि ये फैसला पार्टी के नियम के मुताबिक नहीं है, पार्टी का अध्यक्ष ही संसदीय दल का नेता चुन सकता है. चिराग पासवान का कहना है कि फिर से उन्हें ही संसदीय दल का नेता नियुक्त किया जाए.
पशुपति पारस के घर के बाहर प्रदर्शन, आज पहुंचेंगे पटना
लोजपा में जारी घमासान अब बढ़ता जा रहा है, बुधवार को दिल्ली में पशुपति पारस के आवास के बाहर चिराग पासवान के समर्थकों ने प्रदर्शन किया. पार्टी दो गुटों में बंटती हुई दिख रही है. हालांकि, पशुपति पारस का कहना है कि लोकतंत्र में इस तरह के प्रदर्शन होते रहते हैं.
एक ओर दिल्ली में घमासान है, तो दूसरी ओर पशुपति पारस पटना पहुंच रहे हैं. पार्टी में टूट के बाद पहली बार पशुपति पारस पटना में होंगे. पशुपति पारस पहले ही कह चुके हैं कि अब चिराग को किसी को पार्टी से निकालने का अधिकार नहीं हैं. लोकसभा में वो पहले ही पार्टी के सदन के नेता हो चुके हैं.
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पशुपति पारस गुट की ओर से सूरज भान को पार्टी का कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किया गया है. साथ ही उन्हें जिम्मेदारी दी गई है कि वो जल्द से जल्द पार्टी के अध्यक्ष के लिए चुनाव करवाएं.
गौरतलब है कि पशुपति पारस की अगुवाई में पांच सांसदों ने चिराग पासवान के कामकाज के तरीके पर सवाल खड़े किए थे, साथ ही अपना अलग रास्ता तय कर लिया था. इस विवाद के बाद चिराग पासवान ने अपने चाचा से मुलाकात करने की कोशिश की थी, हालांकि ऐसा हो नहीं सका.