लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) में चाचा-भतीजे की लड़ाई अब खुलकर सामने आने लगी है. चाचा पशुपति पारस ने पार्टी पर अपना अधिकार जता दिया है तो वहीं भतीजे चिराग पासवान पार्टी से बगावत करने वाले पांचों सांसदों को पार्टी से निकाल दिया है. इसी बीच अब सड़कों पर भी चिराग गुट और पशुपति पारस गुट की लड़ाई दिखने लगी है.
जानकारी के मुताबिक, मंगलवार को चिराग पासवान के समर्थकों ने पटना स्थित एलजेपी के पार्टी दफ्तर पर धावा बोल दिया और जमकर बवाल किया. पहले तो चिराग समर्थकों ने पशुपति पारस गुट के सांसदों की तस्वीर को आग के हवाले कर दिया और उनके खिलाफ जमकर नारेबाजी की. इसके बाद चिराग समर्थकों ने पार्टी के दफ्तर पर एलजेपी सांसद पशुपति पारस, वीणा देवी, महबूब अली कैसर, प्रिंस राज और चंदन सिंह की तस्वीर पर कालिख पोत दी.
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चिराग के समर्थकों का आरोप था कि चाचा पशुपति पारस ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और जेडीयू सांसद ललन सिंह के बहकावे में आकर पार्टी के खिलाफ बगावत की. उनका आरोप था कि जनता दल यूनाइटेड के कारण ही लोक जनशक्ति पार्टी में घमासान मचा हुआ है.
एलजेपी के प्रवक्ता अमर आजाद ने कहा, "ये पार्टी रामविलास पासवान ने बनाई थी और अगर किसी भी सांसद को कोई समस्या थी तो वह राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान से बात कर सकते थे. अगर सांसदों को चिराग पासवान का नेतृत्व स्वीकार नहीं था तो उनसे सीधा कह सकते थे कि उन्हें राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से हट जाना चाहिए. पशुपति पारस कटप्पा और विभीषण की भूमिका में आ गए हैं मगर बिहार की जनता चिराग पासवान के साथ है."