बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि बड़े-बड़े लोग बैंक से अरबों-खरबों कर्ज लेते हैं और देश छोड़ कर भाग जाते हैं. जबकि, बिहार की स्वयं सहायता समूह से जो समान्य परिवार की महिलाएं, गरीब परिवार की महिलाएं कर्ज लेती हैं और उसे समय पर चुकता कर देती हैं. नीतीश कुमार पटना में जनता दल यू के महिलाओं के समाज सुधार वाहिनी कार्यक्रम में बोल रहें थे.
नीतीश कुमार ने स्वयं सहायता समूह मॉडल की प्रशंसा करते हुए कहा कि इससे महिलाओं में आत्मविश्वास बढ़ता है. उन्होंने कहा कि जब हमने कार्यभार सम्भाला था, तब बिहार में स्वयं सहायता समूह काफी कम थे और उसका मॉडल प्रभावी नहीं था. हमने नए सिरे से जीविका समूह का गठन करना प्रारंभ किया. हम कई जगह गए, खूब बातचीत की और उसके बाद वर्ल्ड बैंक से कर्ज लेकर हमने बिहार में 6 जिले के 44 प्रखंड में जीविका योजना की शुरुआत की.
वो बोले, 'यह इतना कारगर हुआ कि हमने कहा, हमलोग चाहे जैसे भी हों अपने बजट से ही इसको आगे बढायेंगे. एक-एक ब्लॉक तक, एक-एक गांव तक इसको ले जायेंगे. हमारा लक्ष्य है कि 10 लाख स्वयं सहायता समूह बने और अब 8 लाख से ज्यादा स्वयं सहायता समूह का गठन हो चुका है.'
उन्होंने कहा कि अब गरीब गुरबा परिवार की महिलाएं स्वयं सहायता समूह से जुड़ती हैं. स्वयं सहायता समूह में जुड़ने के साथ उनमें आत्मविश्वास बढ़ता है. बहुत सारी चीजों की जानकारी उन्हें होती है. उन्होंने कहा कि स्वयं सहायता समूह को राज्य सरकार की कई योजनाओं का लाभ मिलता है.