छपरा में हुए मिड डे मील कांड ने पूरे देश को हिला कर रख दिया है. इस घटना से बच्चे और उनके माता-पिता काफी सहम गए हैं. आलम ये है कि माता-पिता अपने बच्चों को मिड डे मील के खाने से बचाने के लिए टिफिन देकर स्कूल भेज रहे हैं.
बिहार के दरभंगा जिला के प्राथमिक विद्यालय, मिसर्टोला में जहां बच्चे स्कूल तो जरूर आ रहे हैं, लेकिन स्कूल में मिलने वाले मीड डे मील से वे दूर ही रहना चाहते हैं. डर का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है की कुछ बच्चे तो घर से ही अब अपने साथ टिफिन लाना शुरू कर चुके हैं तो कुछ बच्चे टिफिन के समय अपने घर जाकर खाना खाने लगे हैं.
वहीं जो बच्चे स्कूल में बना खाना खा रहे हैं उसके लिए टीचर्स को काफी मशक्कत करनी पड़ रही है. स्कूल के प्रिंसिपल भी मानते हैं की छपरा की घटना के बाद सभी लोगों में डर समा गया है. बच्चे अब स्कूल में बने खाना को नहीं खाना चाहते हैं. फिलहाल इस डर से उबर पाना मुश्किल ही लग रहा है.
अभय कुमार नाम के एक छात्र के मुताबिक, 'इसमें बहुत तरह के कीटाणु रहते हैं. जिसको ठीक से धोया नहीं जाता है, अच्छे से पकाया नहीं जाता है. जिसके कारण बहुत लोग नहीं खा पाते हैं. कभी चावल कच्चा भी रहता है, अच्छा से पकाया नहीं जाता है. क्योंकि हम अखबार में पढ़े हैं कि बहुत से बच्चे बीमार हो गए हैं और बहुत बच्चे मर भी गए हैं, इसलिए मेरे मम्मी-पापा के दिल में यह बैठ गया है की कहीं इस स्कूल में भी मेरे साथ वैसी ही घटना ना हो जाए इसलिए घर से ही स्कूल में खाने के लिए टिफिन दे रहे हैं.'