भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को एक पत्र लिखा है और उनके कैबिनेट सहयोगी और लालू प्रसाद के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव को बर्खास्त करने की मांग की है. मोदी ने पत्र में आरोप लगाया है कि स्वास्थ्य मंत्री तेजप्रताप यादव ने 2015 के विधानसभा चुनाव के दौरान गलत चुनावी हलफनामा दायर किया था और अपने संपत्ति के बारे में जानकारी छुपाई थी. 2015 में तेज प्रताप यादव वैशाली के महुआ विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रहे थे.
नीतीश को लिखे पत्र में सुशील मोदी ने तेज प्रताप द्वारा औरंगाबाद में खरीदी जमीन का जिक्र किया है और उसको लेकर हेरफेर का आरोप लगाया है. मोदी ने सवाल उठाया है कि आखिर कैसे 20 साल की उम्र में तेज प्रताप यादव ने 53 लाख 34 हजार रूपये में 20 हजार वर्ग फीट की जमीन औरंगाबाद में खरीद ली? मोदी ने पूछा है कि आखिर तेजप्रताप यादव के आय का स्त्रोत क्या था जो उन्होंने ये जमीन खरीदी?
गौरतलब है कि 20 हजार वर्ग फीट की इस जमीन को तेजप्रताप ने कुछ दिनों के बाद बैंक में गिरवी रखकर 2 करोड़ 29 लाख रुपये लोन लिया. मोदी ने कहा है कि तेज प्रताप ने ना तो औरंगाबाद में जमीन खरीदने को लेकर और ना ही लोन लेने को लेकर चुनावी हलफनामे में जिक्र किया है. तेज प्रताप ने इस जमीन का जिक्र बिहार सरकार को जमा किए गए संपत्ति की जानकारी में भी नहीं किया है.
नीतीश को लिखे पत्र के साथ-साथ मोदी ने तेज प्रताप पर लगाए गए सभी आरोपों को लेकर संबंधित दस्तावेज भी भेज दिया है. मोदी ने कहा कि चुनावी हलफनामे में संपत्ति की जानकारी को छुपाना एक प्रकार से धोखाधड़ी है और जानबूझकर तेज प्रताप ने अपनी बेनामी संपत्ति को छुपाने का प्रयास किया है.
मोदी ने मांग की है कि नीतीश कुमार को इस पूरे मामले का संज्ञान लेते हुए तेज प्रताप को मंत्रिमंडल से ना केवल बर्खास्त करना चाहिए बल्कि उनके खिलाफ गलत चुनावी हलफनामा दायर करने को लेकर एफआईआर भी दर्ज करानी चाहिए और कार्रवाई करनी चाहिए.