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शौचालय बनवाने के लिए महिला ने गिरवी रखा मंगलसूत्र

महिलाओं के लिए सबसे कीमती चीज होती है गहनें और उसमें भी मंगलसूत्र को तो किसी को तो हाथ तक लगाने नहीं देती हैं. लेकिन क्या आप सोच सकते हैं कि एक महिला शौचालय के लिए अपने गहने गिरवी रखेगी. वो भी उस जमाने में जब सरकार शौचालय बनाने के लिए लोगों को सब्सिडी दे रही है. उन्हें प्रेरित कर रही है कि खुले में शौच न करके शौचालय बनावायें.

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महिलाओं के लिए सबसे कीमती चीज होती है गहनें और उसमें भी मंगलसूत्र को तो किसी को तो हाथ तक लगाने नहीं देती हैं. लेकिन क्या आप सोच सकते हैं कि एक महिला शौचालय के लिए अपने गहने गिरवी रखेगी. वो भी उस जमाने में जब सरकार शौचालय बनाने के लिए लोगों को सब्सिडी दे रही है. उन्हें प्रेरित कर रही है कि खुले में शौच न करके शौचालय बनावायें.

लेकिन बिहार के रोहतास में एक महिला सरकारी बाबू के चक्कर काट कर इतनी थक गई कि उसने अपने गहने गिरवी रख कर शौचालय बनवाने का फैसला किया. रोहतास जिले की विक्रमगंज की बाहखन्ना गांव की 30 वर्षीय फूल कुमारी ने अपने मंगलसूत्र समेत सभी गहने गिरवी रख कर घर में शौचालय बनवाने की एक अनोखी मिसाल पेश की है.

खूब लगाए सरकारी दफ्तरों के चक्कर
संझौली प्रखंड की उदयपुर पंचायत की यह महिला पैसे के अभाव में घर में शौचालय नहीं बनवा पा रही थी. उसने मदद के लिए कई बार सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगाये, गुहार लगाई लेकिन कोई मदद नही मिली. जहां सोच वहां शौचालय का नारा देने वाली सरकार से जब उसे मदद नहीं मिली तब उसने अपने बल पर शौचालय बनवाने का निर्णय लिया.

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घरवालों को भी समझाई शौचालय की अहमियत
यह निर्णय आसान नहीं था किसी महिला के लिए अपने गहने और खास कर मंगलसूत्र गिरवी रख कर शौचालय बनवाना वाकई एक बड़ा कदम है. फूलकुमारी के मुताबिक उसे सास और पति ने गहने गिरवी रखने से रोका लेकिन उसके समझने पर शौचालय की क्या उपयोगिता है वो राजी हो गए. फूलकुमारी के मुताबिक खुले में शौच में जाने से सांप जैसे जानवरों के खतरे के साथ साथ छेड़खानी का भय हमेशा सताता था इसी से तंग आकर उसने घर में शौचालय बनाने का फैसला किया.

बाकी पैसे जोड़ने के लिए करेगी मजदूरी
फूलकुमारी ने घर में शौचालय के निर्माण के लिए अपने मंगलसूत्र, समेत सभी गहने गिरवी रख दिए. शौचालय बनवाने में 12 हजार का खर्च आ रहा था लेकिन गहने गिरवी रखने के बाद केवल 9 हजार रुपये ही मिल पाये. फूलकुमारी ने कहा कि बाकी की रकम वो मजदूरी करके इक्कठा करेगी.

मिशन प्रतिष्ठा के तहत मिलेगा पुरस्कार
फूलकुमारी को उम्मीद है कि 15 अगस्त तक उसका शौचालय बन जायेगा. उसका मानना है कि घर में लाखों के गहने हो और घर में शौचालय नहीं हो तो गहनों का कोई मूल्य नहीं है. लेकिन इस पूरे प्रकरण में प्रतिष्ठा तो सरकार की उस योजना की गई जिसके तहत कहा जाता है कि शौचालय बनवाने पर सरकार मदद करेगी अगर सरकार मदद करती तो आज फूलकुमारी को अपने गहने गिरवी न रखने पड़ते. पर उन सरकारी अधिकारियों को सलाम जो अपनी 'मिशन प्रतिष्ठा' को सफल करार देने के लिए न सिर्फ अब फूलकुमारी के जज्बे को सलाम करना चाहती है बल्कि उसे पुरस्कृत भी करेगी.

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