बिहार इंटरमीडिएट टॉपर्स घोटाले की जांच अब धीरे-धीरे अपने मुकाम पर पहुंचने लगी है. 'आज तक' के स्टिंग ऑपरेशन में डिग्री बेचने वाले कॉलेजों के चेहरे बेनकाब हो गए थे. स्टिंग में दिखाए गए 4 चेहरों में से 3 कॉलेजों के प्रिंसिपल और अधिकारी अपनी सफाई लेकर बुधवार को बिहार विद्यालय शिक्षा बोर्ड पहुंचे.
जांच टीम के सामने पेश हुए शिक्षा के सौदागर
दरअसल 'आज तक' पर खुलासे के बाद स्टिंग की जांच के लिए बिहार बोर्ड ने एक तीन सदस्यीय हाईलेवल कमेटी बनाई थी, जिसके फरमान के बाद खुफिया कैमरे में कैद सभी चेहरे अपनी सफाई देने के लिए जांच कमेटी के सामने पेश हुए.
स्टिंग में कैद चेहरे तलब
'आज तक' के स्टिंग ऑपरेशन को संज्ञान में लेते हुए बिहार बोर्ड ने तमाम कॉलेजों के प्रिंसिपल को बुधवार 11 बजे तक बोर्ड के दफ्तर में तलब किया गया था. चंद्रभूषण शर्मा जो कि वैशाली के वासुदेव सिंह उच्च माध्यमिक इंटर स्कूल के प्रिंसिपल हैं और ये स्टिंग में बड़ी-बड़ी बातें करते दिखे थे. चन्द्रभूषण से अब जब स्टिंग के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि स्टिंग में आवाज मेरी नहीं थी.
बचाव में अजीबो-गरीब दलील
वहीं संत कबीर महाविद्यालय के प्रोफेसर दिलीप कुमार ने दलील दी कि जिस शख्स को स्टिंग में दिखाया गया उसे हमारे कॉलेज से पैसा नहीं मिलता इसलिए उसने बदनाम करने के लिए कॉलेज के खिलाफ बोला. करीब 3 तीन घंटे की पूछताछ के बाद कमेटी ने अपनी रिपोर्ट बोर्ड के चेयरमैन को सौंपने का फैसला किया है. अब इन कॉलेजों पर बोर्ड जल्द ही फैसला लेगा.