पांच साल पहले 2014 के लोकसभा चुनाव में बिहार में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाले एनडीए का हिस्सा बने राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (आरएलएसपी) के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा 2019 के चुनाव में हो सकता है कि एनडीए के साथ न हों. कुशवाहा एनडीए से अलग होने की औपचारिक घोषणा गुरुवार को कर सकते हैं.
कुशवाहा ने बीजेपी को 30 नवंबर तक का अल्टीमेटम दिया था. लेकिन पार्टी ने तवज्जो नहीं दिया है. कुशवाहा की डेडलाइन पूरी हो चुकी है. ऐसे में माना जा रहा है कि कुशवाहा की पार्टी अब एनडीए से अलग होने का फैसला ले सकती है.
आरएलएसपी के एक नेता ने बताया कि उपेंद्र कुशवाहा एनडीए से अलग होने के साथ-साथ मोदी सरकार से अलग हो सकते हैं. इस बात की भी अटकलें हैं कि केंद्रीय मंत्री पद से भी गुरुवार को वे इस्तीफा दे सकते हैं. बता दें कि कुशवाहा अभी केंद्र में मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री हैं. आरएलएसपी के एक नेता ने कहा कि कुशवाहा का इस्तीफा महज एक औपचारिकता है जो उनके दिल्ली जाने और प्रधानमंत्री से मिलने के बाद पूरी कर ली जाएगी.
आरएलएसपी ने बुधवार को केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार और बिहार में नीतीश कुमार सरकार की तीखी आलोचना की थी. वाल्मीकि नगर में पार्टी के चिंतन शिविर में कुशवाहा को राजनीतिक फैसले लेने के लिए अधिकृत किया गया है.
पार्टी नेता ने कहा कि आरएलएसपी के सख्त रूख से यह स्पष्ट हो गया है कि हमारा गठबंधन एनडीए के साथ था, जो अब खत्म हो गया है. उन्होंने कहा कि एनडीए में आरएलएसपी के होने का अर्थ बीजेपी और एलजेपी से गठबंधन था. नीतीश कुमार की जेडीयू के साथ हमारा कोई गठबंधन नहीं है. वह पिछले साल गठबंधन में शामिल हुए हैं जबकि हम 2014 से ही एनडीए का हिस्सा हैं.