केन्द्रीय मंत्री अश्विनी चौबे के बेटे अर्जित शाश्वत चौबे की नियमित जमानत याचिका भालगपुर कोर्ट ने खारिज कर दी है. इससे पहले कोर्ट ने उनकी अग्रिम जमानत याचिका भी खारिज की थी. शनिवार की रात अर्जित शाश्वत ने पटना के हनुमान मंदिर के पास सरेन्डर किया था. उन्हें भागलपुर कोर्ट में पेश किया गया था जहां से उन्हें 14 दिनों की न्यायीक हिरासत में भेज दिया गया. अर्जित की तरफ से सोमवार को नियमित जमानत याचिका दायर की गई थी.
मंगलवार को अवर न्यायधीश एके श्रीवास्तव की अदालत में सुनवाई. अर्जित की तरफ से कहा गया कि पुलिस को छोड़ कर कोई गवाह नहीं है, कोई सबूत नही हैं. किसी को इनकी उपस्थिति में कोई चोट नहीं आई, कोई घायल नहीं हुआ. ऐसे में इन्हे जमानत दे दी जाये. कोर्ट ने सरकारी वकील से पूछा कि कोई गवाह पुलिस के अलावा है तो नाम बताये, लेकिन सरकारी वकील की तरफ से कोई नाम नहीं आया. कोर्ट ने सुनवाई के बाद फैसला थोड़ी रिजर्व में रखने के बाद सुनाते हुए कहा कि अर्जित शास्तव की नियमित जमानत याचिका खारिज की जाती है.
अर्जित शाश्वत चौबे पर 17 मार्च को भागलपुर के नाथनगर में बिना प्रशासन की इजाजत के शोभायात्रा निकालने के साथ दंगा भड़काने का भी आरोप पुलिस ने लगाया है. हालांकि अर्जित की तरफ कहा गया कि उन्होंने प्रशासन को इजाजत देने के लिए आवेदन दिया था, लेकिन प्रशासन ने उस पर कोई जवाब नहीं दिया. उन्होंने कहा कि घटना उनके उस स्थान से जाने के डेढ घंटे बाद घटी. प्रशासन अपनी नाकामी छिपाने के लिए उन्हें बलि का बकरा बना रहा है. अब अर्जित अपनी जमानत याचिका भागलपुर के जिला जज की अदालत में दायर करेंगे.