रामनवमी के मौके पर बिहार में फैली हिंसा की चिंगारी अब राज्य के 6 जिलों में पहुंच गई है. कई इलाकों में धारा 144 लागू की गई है. बीते चार दिनों में समस्तीपुर, मुंगेर, औरंगाबाद, नालंदा, भागलपुर और अररिया में हालात बिगड़े हैं. वहीं गैर जमानती वारंट होने के बावजूद अभी भी अरिजित चौबे पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है.
सुशील मोदी बोले- सरकार की है पूरी नजर
हिंसा को लेकर बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने ट्वीट करके कहा है कि औरंगाबाद में शांति भंग करने की साजिश करने वालों पर राज्य सरकार और स्थानीय प्रशासन की पूरी नजर है, लेकिन विपक्ष के कुछ गैरजिम्मेदार लोग राजनीतिक फायदे के लिए हालात को बढ़ा-चढ़ा कर पेश कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि जल्दी ही ऐसे लोगों को चिन्हित कर उन पर कार्रवाई की जाएगी.
तेजस्वी ने ट्वीट से किया वार
बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव इस मुद्दे पर बिहार सरकार पर हमलावर हैं. बुधवार को उन्होंने अपने ट्विटर अकाउंट पर एक वीडियो डाला जिसमें एक तरफ दिखाया गया कि पुलिस लोगों से कह रही है कि इलाके में कर्फ्यू लगा है, सभी अंदर चले जाएं वरना उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाएगा. तो वहीं दूसरी तरफ राज्य के सीएम नीतीश कुमार कह रहे हैं कि इलाके में कोई कर्फ्यू नहीं लगा है.
तेजस्वी ने लिखा कि देखिए, कैसे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अफ़वाह मियां और झूठों के सरताज सुशील मोदी के कहने से सरेआम सदन को कर्फ़्यू पर गुमराह कर रहे है?
Video देखिए, कैसे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अफ़वाह मियाँ और झूठों के सरताज सुशील मोदी के कहने से सरेआम सदन को कर्फ़्यू पर गुमराह कर रहे है? pic.twitter.com/f9OoTmEX6j
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) March 28, 2018
बुधवार को नालंदा के सिलाव में भी हिंसा की खबर आई थी. यहां रामनवमी जुलूस के बाद दो पक्षों में तनाव हुआ था. इस तनाव में दोनों पक्षों की ओर से पत्थर फेंके गए, जिसमें कई घायल हुए हैं. पुलिस ने भीड़ पर आंसू गैस के गोले छोड़े हैं. आपको बता दें कि 2004 में नीतीश कुमार नालंदा से सांसद रह चुके हैं.
आपको बता दें कि रामनवमी के अवसर पर जुलूस के दौरान बिहार के समस्तीपुर में भी दो गुट भिड़ गए थे. इसी के चलते भारी तादाद में पुलिस बल की तैनाती की गई थी. वहीं औरंगाबाद में भी रामनवमी की शोभायात्रा निकाले जाने के दौरान हिंसा हुई थी. अब हालात नियंत्रण में हैं. लेकिन हालात की नजाकत को देखते हुए भारी पुलिस बल और तमाम आला अफसर अभी भी यहां डेरा डाले हुए हैं.
कैसे भड़की थी हिंसा?
दरअसल, बीते सोमवार दोपहर बिहार के औरंगाबाद शहर के जामा मस्जिद इलाके से रामनवमी का जुलूस निकल रहा था. जुलूस में शामिल लोग डीजे पर नाच रहे थे. हाथों में लाठी और डंडे लहरा रहे थे. फिर कथित तौर पर इस जुलूस पर पथराव हुआ और फिर हिंसा भड़क गई. तीन दर्जन से ज्यादा दुकानों को आग के हवाले कर दिया गया. सड़क पर गाड़ियों को आग लगा दी गई. पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ गया. आंसू गैस के गोले छोड़कर भीड़ को काबू करने की कोशिश हुई.
लेकिन इसके बावजूद कम से कम दस लोग घायल हो गए. तीन लोगों को गोली लगी. एक की हालत गंभीर है. घायलों में दोनों संप्रदायों के लोग मौजूद हैं. पुलिस ने इस हिंसा के लिए दोनों पक्षों के तकरीबन 150 लोगों को गिरफ्तार किया है.