scorecardresearch
 

योगी मॉडल या नीतीश मॉडल? बिहार में क्या होगा एनडीए सरकार का एजेंडा

बिहार कानून व्यवस्था को लेकर विपक्षी दलों के साथ ही एनडीए सरकार में शामिल बीजेपी नेता भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर हमलावर हैं. बीजेपी विधायक ने बिहार में अपराधियों पर लगाम लगाने के लिए योगी मॉडल अपनाने की मांग उठाई तो जेडीयू ने कहा कि बिहार में नीतीश मॉडल ही चलेगा. योगी मॉडल बनाम नीतीश मॉडल को लेकर जेडीयू और बीजेपी नेताओं के बीच तलवारे खिंच गई हैं.

Advertisement
X
योगी आदित्यनाथ और नीतीश कुमार
योगी आदित्यनाथ और नीतीश कुमार
स्टोरी हाइलाइट्स
  • रूपेश हत्याकांड पर बीजेपी और जेडीयू आमने-सामने
  • कानून व्यवस्था को लेकर नीतीश पर तेजस्वी हमलावर
  • बिहार में बीजेपी योगी मॉडल की मांग उठा रही है

बिहार में इंडिगो एयरलाइंस के स्‍टेशन हेड रूपेश कुमार सिंह की सरे-शाम हत्‍या के बाद बिहार की सियायत में राजनीतिक भूचाल आ गया है. विपक्षी दलों के साथ ही एनडीए सरकार में शामिल बीजेपी नेता भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर हमलावर हैं. बीजेपी विधायक ने बिहार में अपराधियों पर लगाम लगाने के लिए योगी मॉडल अपनाने की मांग उठाई तो जेडीयू ने कहा कि बिहार में नीतीश मॉडल ही चलेगा. योगी मॉडल बनाम नीतीश मॉडल को लेकर जिस तरह से जेडीयू और बीजेपी नेताओं के बीच तलवारे खिंच गई हैं. ऐसे में सवाल उठता है कि बिहार में नीतीश के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार का सियासी एजेंडा क्या होगा? 

Advertisement

बता दें कि 42 वर्षीय इंडिगो मैनेजर रूपेश कुमार सिंह पटना एयरपोर्ट पर कार्यरत थे. मंगलवार को उनके घर के सामने ही दो बाइक सवार अपराधियों ने ताबड़तोड़ फायरिंग कर उनकी हत्‍या कर दी. राजधानी के हाईप्रोफाइल एरिया में हत्‍या की वारदात से बिहार की सियासत गरमा गई है. सूबे की कानून व्यवस्था को लेकर विपक्ष एक तरफ नीतीश सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है तो दूसरी तरफ बीजेपी और जेडीयू नेता आमने-सामने आ गए हैं. 

बीजेपी ने योगी मॉडल की उठाई मांग
बीजेपी के छत्तीसगढ़ सह प्रभारी और बिहार बांकीपुर से विधायक नितिन नवीन ने बिहार में सरकार को अपराध नियंत्रण का उत्‍तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ वाला एनकाउंटर मॉडल लागू करने का सुझाव दिया है. उन्होंने कहा है कि बिहार में कानून-व्यवस्था की स्थिति दिनों-दिन लचर होती जा रही है, जो नीतीश सरकार के लिए यह बड़ी चुनौती है. बिहार सरकार को इस पर गंभीरता से विचार करना चाहिए और प्रदेश में भी यूपी की तर्ज पर अपराधियों के खिलाफ योगी मॉडल को अपनाना चाहिए. बीजेपी के राज्यसभा सदस्य विवेक ठाकुर से लेकर छपरा के बीजेपी सांसद राजीव प्रताप रूढ़ी सहित तमाम बीजेपी नेताओं ने बिहार पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े किए हैं. 

Advertisement

जेडीयू का नीतीश मॉडल
बीजेपी विधायक नितिन नवीन सहित कई नेताओं द्वारा बिहार में कानून व्यवस्था पर सवाल उठाने और यहां यूपी के योगी मॉडल को अपनाने संबंधी बयान पर जेडीयू ने कहा है कि बिहार में नीतीश मॉडल से ही अपराध पर नियंत्रण होगा. जेडीयू के मुख्य प्रवक्ता संजय कुमार ने बीजेपी विधायक के बयान पर आपत्ति जताते हुए कहा कि बिहार में नीतीश कुमार की सरकार है और कानून व्यवस्था नियंत्रण में है. नीतीश मॉडल से बिहार के विकास के साथ कानून का राज भी स्‍थापित हुआ है. नीतीश सरकार को कानून व्यवस्था पर किसी से सर्टिफिकेट की जरुरत नहीं है.

नीतीश पर तेजस्वी का हमला
नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा कि नीतीश कुमार से विभाग नहीं संभल रहा है तो किसी और को दे दें. वैसे भी उनका मन सीएम बनने का नहीं था, तो जबरन क्यों बने हैं. रूपेश हत्‍याकांड के साथ हाल के अन्‍य बड़े मामलों की चर्चा करते हुए तेजस्‍वी बिहार में दानव राज का आरोप लगाते हुए कहा है कि 'सी ग्रेड पार्टी के अनुकंपाई मुख्‍यमंत्री' नीतीश कुमार से बिहार नहीं संभल रहा है, इसलिए वे अविलंब इस्तीफा दें. साथ ही उन्होंने पूरे मामले की निष्पक्ष जांच की मांग करते हुए कहा कि आमतौर पर विपक्ष सवाल उठाता है, पर हास्यास्पद है कि बीजपी भी सवाल उठा रही है, जो खुद सरकार में है. सरकार में बीजेपी के दो-दो उपमुख्यमंत्री हैं. फिर भी सवाल. चुनाव में पीएम ने कहा था कि निश्चिंत रहिए आपका बेटा दिल्ली में बैठा है तो अब आकर देखना चाहिए था.  

Advertisement

बिहार में एनडीए का एजेंडा
बिहार की कानून व्यवस्था को लेकर बीजेपी और जेडीयू में जिस तरह से तलवारें आपस में खिंच गई हैं. गृह विभाग मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पास है. इस वजह से बीजेपी सत्ता में सहयोगी होने के बाद भी लगातार पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़ा करती रहती है. इसके पहले बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. संजय जायसवाल और विधान पार्षद डॉ. संजय पासवान भी कई बार कानून-व्यवस्था को लेकर पुलिस की कार्यप्रणाली को कठघरे में खड़ा कर चुके हैं. इतना ही नहीं गिरिराज सिंह ने सरकार बनने के बाद ही बिहार में लव जिहाद के खिलाफ कानून बनाने की भी मांग उठा दी थी और अब बीजेपी नेता कानून व्यवस्था को लेकर सवाल खड़े कर रहे हैं. 

दरअसल, बिहार विधानसभा चुनाव में इस बार जेडीयू की सीटें बीजेपी से कम आई हैं. बीजेपी को 74 तो जेडीयू को 43 सीटें ही मिल सकी हैं. बिहार में नीतीश सरकार बने दो महीने हो गए हैं, लेकिन अभी तक न तो मंत्रिमंडल का विस्तार हुआ है और न ही विधान परिषद की सीटों पर सहमति बन सकी है. इसके पीछे वजह यही मानी जा रही है कि बीजेपी कैबिनेट में ज्यादा मंत्री पद मांग रही है, लेकिन नीतीश इस पर राजी नहीं है. इतना ही नहीं बीजेपी बिहार में बड़ी पार्टी होने के नाते अपने हिसाब से सरकार में दखल देना चाहती है, लेकिन जेडीयू अपने हिसाब से जोर दे रही है. 

Advertisement

 


 

Advertisement
Advertisement