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बिहार: मनरेगा के 20 लाख जॉब कार्ड 'डुप्‍लीकेट'

बिहार में महात्मा गांधी ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) में फर्जीवाड़े का गंभीर मामला सामने आया है.

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बिहार में महात्मा गांधी ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) में फर्जीवाड़े का गंभीर मामला सामने आया है.

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बिहार में मनरेगा के तहत 20 लाख जॉब कार्ड ऐसे हैं, जो एक ही नाम पर अलग-अलग बनाए गए हैं. जॉब कार्ड में विसंगतियों की जांच कराई जा रही है तथा इस मामले में दोषी पदाधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ कारवाई की जा रही है. बिहार विधानसभा में ग्रामीण विकास मंत्री नीतीश मिश्र ने बुधवार को भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के सदस्य संजय सरावगी के अल्पसूचित प्रश्न का उत्तर देते हुए कहा कि राज्य में 1.27 करोड़ जाब कार्ड हैं जिनमें से प्रतिवर्ष औसतन 40 से 45 लाख का ही प्रयोग होता है.

उन्होंने माना कि राज्य में एक ही नाम से कई जाब कार्ड बनाए गए हैं. पिछले वर्ष दिसंबर में सत्यापन के दौरान पाया गया है कि राज्य में करीब 20 लाख जाब कार्ड ऐसे हैं जो एक नाम से अलग-अलग बनाए गए हैं. उन्होंने बताया कि विभाग द्वारा अभी भी जॉब कार्ड के सत्यापन का कार्य चल रहा है. मई 2013 तक सभी जॉब कार्डो का सत्यापन का कार्य पूरा कर लिया जाएगा. उन्होंने विधानसभा में बताया कि इस कार्य में जो भी अधिकारी और कर्मचारी दोषी पाए जा रहे हैं उन पर कारवाई की जा रही है.

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गौरतलब है कि बिहार में 2006 से मनरेगा के तहत जॉब कार्ड का वितरण किया जा रहा है.

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