वेस्टर्न कल्चर की ओर भले ही भारतीय युवा खिंचे जा रहे हैं लेकिन विदेशियों को भारतीय संस्कृति खूब भाती है. यही वजह है कि विदेशी मेमों (लड़कियों) को अब भारतीय दूल्हे भी खूब पसंद आने लगे हैं. ऐसा ही एक विवाह गुरुवार को बिहार के गया जिले के वर्ल्ड फेमस पर्यटक स्थल बोधगया के एक मंदिर में हुआ, जहां बोधगया के न्यू तारीडीह गांव निवासी 30 वर्षीय अनिरुद्ध कुमार ऑस्ट्रेलियाई लड़की मिरिंडा मिल्सन के साथ पूरे हिंदू रीति-रिवाज के साथ परिणय सूत्र में बंध गए. अलीगढ़: भाभी के चुम्मे से टूटी शादी
इस मौके पर अनिरुद्ध के पूरे परिजन भी उपस्थित थे. बोधगया स्थित जगन्नाथ मंदिर में दोनों ने सात फेरे लिए और जन्मों तक एक-दूसरे के साथ रहने की कसमें खाई. अनिरुद्ध बताते हैं कि भारतीय संस्कृति की कायल मिरिंडा को पढ़ाई के दौरान ही भारतीय संस्कृति और पवित्र ग्रंथों का अध्ययन करने का मौका मिला था. उसके बाद वे भारतीय संस्कृति से काफी प्रभावित हुई.
ऐसे हुई दोनों की मुलाकात...
मिरिंडा करीब डेढ़ साल पहले पर्यटक के तौर पर बोधगया घूमने आई थी. इसी दौरान गाइड का काम कर रहे अनिरुद्ध से उसकी दोस्ती हुई. दोनों ने ई-मेल आईडी और मोबाइल नंबर शेयर किए. उस समय मिरिंडा करीब 15 दिनों तक बोधगया के आसपास घूमते रहीं. इसके बाद मिरिंडा वापस ऑस्ट्रेलिया चली गईं, मगर दोनों के बीच मोबाइल और ई-मेल के जरिए बात होती रही.
इस दौरान उनकी दोस्ती प्यार में बदल गई. प्रीत की डोरी में बंधी मिरिंडा इसके बाद लगातार भारत आने लगी और दोनों में मुलाकात होती रही. इस दौरान दोनों ने परिणयसूत्र में बंधने का फैसला ले लिया. दोनों ने 14 सितंबर को कोलकता की कोर्ट में हिंदू मैरेज एक्ट के तहत शादी कर ली.
प्यार के लिए बदला अपना नाम...
अनिरुद्ध के लिए मिरिंडा ने अपना नाम भी बदल लिया और प्रेमतीर्थ बन गईं. अब मिरिंडा को प्रेमतीर्थ से ही पुकारा जाना अच्छा लगता है. प्रेमतीर्थ कहती हैं कि भारत में की गईं शादियां सात जन्मों तक का साथ होता है. प्रेमतीर्थ ने कहा, 'मेरे परिजन इस शादी में भले ही शरीक नहीं हुए हैं, लेकिन उनकी रजामंदी से ही यह शादी हुई है.' इधर, अनिरुद्ध के परिजन भी इस शादी से खुश हैं. उनके पिता वासुदेव का कहना है, 'हमारा परिवार इस विवाह से खुश है. मिरिंडा के साथ जीवन तो मेरे बेटे को गुजारना है. उसकी पसंद परिजनों की भी पसंद है.'
पूरे रीति-रिवाज के साथ हुई शादी...
इस शादी में स्थानीय कुछ लोग बराती बने और कुछ सराती बन गए. महिलाओं ने मंगल गीत गाए और सिंदूरदान का रिवाज भी निभाया गया. मंदिर के प्रबंधक हरेंद्र कुमार कहते हैं कि दोनों ने रजामंदी से शादी के लिए आवेदन दिया था. विवाह के बाद दरिद्र नारायण भोज का आयोजन किया गया. इसी तरह एक साल पहले बिहार के पश्चिम चंपारण जिले के मधुकुंज निवासी मयंक ने दक्षिण कोरियाई युवती सोंगा से विवाह किया था.
इनपुट IANS से