बिहार राज्य के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री अब्दुल गफूर ने योगगुरु स्वामी रामदेव के विवादित बयान पर कड़ा हमला बोला है. गफूर ने आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव का हवाला देते हुए कहा कि रामदेव आरएसएस के चेला-चटिया हैं. उसीके कहने पर वह कुछ भी बोलते हैं.
गला काटने की बात करनेवाला कैसा संत
गफूर ने कहा कि एक तरफ रामदेव कहते हैं कि संत हैं, तो दूसरी ओर तलवार चलाने की बात करते हैं. लाखों लोगों का जो गला काटने की बात करेगा वह कैसा संत होगा? उन्होंने कहा कि
आरएसएस की स्थापना ही मुसलमानों और दलितों का विरोध करने के लिए ही हुआ था. आज वह बुलंदी पर है.
दंगा नहीं होता तो मोदी नहीं बनते पीएम
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला बोलते हुए गफूर ने कहा कि अगर वह गुजरात दंगा नहीं कराते तो प्रधानमंत्री नहीं बनते. उनके यहां जो मुसलमानों को जैसा गाली देता है उसको आरएसएस की
ओर से वैसा ही सर्टिफिकेट मिलता है. उन्होंने कहा कि देश का माहौल खराब है. मुसलमान डर कर अपने घरों से नहीं निकल पा रहे हैं. घर की देगचियों की तलाशी ली जा रही है.
हवाई हैं अल्पसंख्यकों के लिए केंद्र की योजनाएं
केंद्र सरकार के अल्पसंख्यकों के विकास के दावों को गफूर ने हवाई करार दिया. उन्होंने कहा कि पहले कुछ योजना के तहत मदरसों की इमारतें बनती थी. इस सरकार के आने के बाद सब रोक दिया गया. जब पढ़ाई ही नहीं होगी तो विकास कैसे होगा. उन्होंने कहा कि केंद्र सिर्फ कागजों पर योजनाएं चला रहा है. कुछ अमल नहीं हो रहा है.
शहाबुद्दीन से मिलकर चर्चा में आए गफूर
आरजेडी कोटे से बिहार सरकार में अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री अब्दुल गफूर बीते दिनों जेल जाकर बाहुबली शहाबुद्दीन से मिल आए थे. इस मुलाकात पर सवाल उठने के बाद उन्हें सफाई देनी पड़ी थी. तब लालू ने खुलकर उनका बचाव किया था.