पटना में नरेंद्र मोदी की रैली को लेकर सियासत जोरों पर है. बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम सुशील मोदी ने आरोप लगाया है कि नीतीश कुमार मोदी की हुंकार रैली को रोकने के लिए हर तरह के हथकंडे अपना रहे हैं.
सुशील मोदी ने ट्वीट किया है, 'पहले तो नीतीश कुमार ने मोदी की हुंकार रैली के लिए आधे गांधी मैदान की ही इजाजत दी और फिर जिस दिन मोदी की रैली है उसी दिन राष्ट्रपति को बिहार आने का न्योता दिया है. मोदी ने लिखा है कि 26 और 27 अक्टूबर को राष्ट्रपति पटना में होंगे.'
सुशील मोदी के बाद शाहनवाज हुसैन ने भी हमला बोला. नीतीश कुमार पर गंदी राजनीति करने का आरोप लगाते हुए उन्होंने राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से इस चाल को समझने की गुजारिश की.
शाहनवाज हुसैन ने ट्वीट किया, 'माननीय राष्ट्रपति एक अनुभवी राजनेता है. उम्मीद करता हूं कि वे नीतीश के निमंत्रण के पीछे की छिछली राजनीति को समझेंगे.'
वहीं, बीजेपी सचिव रामेश्वर चौरसिया ने दावा किया है कि नीतीश कुमार हुंकार रैली में उमड़ने वाले जनसैलाब से डर गए हैं.
उन्होंने कहा, 'मोदी की रैली चार महीने पहले से प्रस्तावित है पर नीतीश कुमार ने चालबाजी करके राष्ट्रपति के बिहार दौरे का कार्यक्रम बनाया. लेकिन मैं मानता हूं कि मुख्यमंत्री की लाख कोशिशों के बावजूद लाखों लोग हुंकार रैली का हिस्सा बनेंगे, और इस दौरान कोई अप्रिय घटना घटी तो इसके लिए सिर्फ नीतीश जिम्मेदार होंगे.'
उन्होंने कहा, 'रैली करना हमारा संवैधानिक अधिकार है. उन्होंने राष्ट्रपति जी को अंधकार में रखकर बिहार का कार्यक्रम तय किया, यह दुर्भाग्यपूर्ण है. मुख्यमंत्री तो इसलिए परेशान हैं कि उनके कई कार्यकर्ता इस रैली में हिस्सा लेंगे. मुझे तो डर है कि कहीं नीतीश कुमार को दिल का दौरा न पड़ जाए, मैं तो उनके अच्छे स्वास्थ्य की कामना करता हूं.'