scorecardresearch
 

'PFI में RSS की तरह दी जाती है ट्रेनिंग...' पटना SSP के बयान पर बवाल, BJP भड़की

पटना एसएसपी ने कहा कि जैसे आरएसएस की शाखा होती है और स्वयंसेवकों को ट्रेनिंग की दी जाती है. ठीक उसी प्रकार पीएफआई भी अपने लोगों को शारीरिक प्रशिक्षण देती है. मार्शल आर्ट की ट्रेनिंग देते हैं. 

Advertisement
X
पटना एसएसपी मानवजीत सिंह ढिल्लो
पटना एसएसपी मानवजीत सिंह ढिल्लो
स्टोरी हाइलाइट्स
  • पटना पुलिस ने टेरर मॉड्यूल का किया खुलासा
  • खास समुदाय के लोगों को कर रहे थे प्रशिक्षित

पटना के एसएसपी मानवजीत सिंह ढिल्लो ने पटना में पकड़े गए PFI की तुलना आरएसएस से करके एक नया विवाद शुरू कर दिया है. एसएसपी ने कहा कि जैसे आरएसएस की शाखा होती है और स्वयंसेवकों को ट्रेनिंग की दी जाती है. ठीक उसी प्रकार पीएफआई भी अपने लोगों को शारीरिक प्रशिक्षण और मार्शल आर्ट की ट्रेनिंग देती है. उनके इस बयान से बीजेपी भड़क गई और उन्हें पद से हटाने की मांग कर डाली. वहीं आरजेडी और HAM एसएसपी के समर्थन में उतर गई हैं. 

Advertisement

SSP के बयान पर भड़की बीजेपी

RSS की PFI से तुलना करने पर बीजेपी प्रवक्ता अरविंद कुमार सिंह ने कहा कि पटना के SSP, PFI के प्रवक्ता की तरह बोल रहे हैं. उन्हें SSP के पद से हटा देना चाहिए. वहीं बीजेपी के फायर ब्रांड नेता और विधायक हरीश भूषण ठाकुर ने कहा कि एसएसपी का बयान उनके मानसिक दिवालियापन को दिखाता है और उन्हें तुरंत अपने बयान के लिए माफी मांगनी चाहिए नहीं तो सरकार को उन्हें बर्खास्त कर देना चाहिए. 

SSP के समर्थन में RJD और HAM

आरजेडी ने पटना एसएसपी के बयान का समर्थन किया है. आरजेडी पटना की ओर से ट्वीट किया गया, "पटना के वरीय पुलिस अधीक्षक ने संघ की मोडस ऑपेरंडी के बारे में बिल्कुल सही कहा कि ये लोग शारीरिक प्रशिक्षण के नाम पर अपना प्रोपेगैंडा और घृणा फैलाते हैं! और किसी क्षेत्र में पांव जमने पर दंगे, मॉब लिंचिंग और अन्य सामाजिक सौहार्द विरोधी गतिविधियों को अंजाम देते हैं!" 

Advertisement

वहीं HAM के प्रवक्ता डॉ. दानिश रिजवान ने कहा कि जानबूझकर एसएसपी को विवाद में घसीटा जा रहा है. अगर इस्लामिक स्टेट की बात करना अपराध है तो फिर हिंदू राष्ट्र की वकालत करना कहां से ठीक है? यदि इस्लामिक राष्ट्र की कल्पना करने वालों को जेल तो फिर हिन्दू राष्ट्र की बात करने वालों को छूट क्यों?

नूपुर शर्मा मामले से नहीं कोई लिंक

पटना एसएसपी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि इन आरोपियों का किसी भी धार्मिक संगठन का कोई लिंक नहीं मिला है. ये बिल्कुल अलग तरीक से काम करते थे. कोई भी काम पब्लिक प्रोफाइल में नहीं करते थे. हालांकि ये सभी सिमी के कार्यकर्ता हुआ करते थे. 

उन्होंने बताया कि पीएफआई, एसटीपी जो संगठन हैं, उनके कई संगठन अंडरग्राउंड होते हैं. ये सभी उन्हीं संगठनों से जुड़े हुए थे. उन्हीं के नाम पर मीटिंग कर रहे थे और उसी की आड़ में ट्रेनिंग सेंटर आयोजित किए जा रहे थे. सभी लोग बिहार के ही थे. इनका अमरावती और उदयपुर से कोई कनेक्शन नहीं है. शारीरिक प्रशिक्षण देने के लिए शिविर आयोजित किए जा रहे थे. इनका विजन डॉक्यूमेंट है कि मुस्लिम समुदाय को जो भी प्रताड़ित करेंगे. हम उनकी सुरक्षा के लिए काम करेंगे. जो वर्तमान में जो FIR दर्ज हुई है उसका नूपुर शर्मा मामले से कोई लिंक नहीं है.

Advertisement

टेरर मॉड्यूल केस में 5 गिरफ्तार

बता दें कि पटना पुलिस ने टेरर मॉड्यूल केस में अब तक पांच लोगों को गिरफ्तार किया है, जो एक खास समुदाय के लोगों को प्रशिक्षित कर रहे थे.  इसके बाद इस पूरे मामले की जांच एनआईए ने भी शुरू कर दी है. इससे पहले पटना पुलिस ने फुलवाशरीफ से अतहर परवेज और मोहम्मद जलालुद्दीन को गिरफ्तार किया था. इसके बाद मरगूब दानिश, अरमान मलिक और शब्बीर आलम को अरेस्ट किया गया. 

पटना पुलिस का दावा है कि खास समुदाय के लड़कों का ब्रेनवॉश करने के बाद उन्हें प्रशिक्षण सिमी का सदस्य अतहर परवेज दे रहा था. अतहर परवेज का भाई मंजर आलम पटना के गांधी मैदान में साल 2013 में पीएम मोदी की हुंकार रैली और बोध गया में हुए बम धमाकों के गिरफ्तार हुआ था. वो फिलहाल जेल में है. 

 

Advertisement
Advertisement