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बिहार: निर्माणाधीन पुल गिरने के बाद बीजेपी ने मांगा सरकार का इस्तीफा, तेजस्वी ने कहा-डिजाइन में ही फॉल्ट

बिहार के भागलपुर में निर्माणाधीन पुल गिरने के बाद राज्य की राजनीति गर्म हो गई है. बीजेपी नेता और केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे ने बिहार के सीएम नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव का इस्तीफा मांगा है. इसके बाद तेजस्वी यादव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इस पर सफाई दी और बताया कि आखिर ये पुल क्यों गिरा है. उन्होंने इसके डिजाइन में ही खामी बताई है.

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अश्विनी चौबे ने मांगा तेजस्वी का इस्तीफा
अश्विनी चौबे ने मांगा तेजस्वी का इस्तीफा

बिहार के भागलपुर में सुल्तानगंज को अगुवानी घाट से जोड़ने के लिए बनाया जा रहा पुल भरभराकर कर गंगा नदी में गिर गया. निर्माणाधीन पुल के गिरने के बाद राज्य की राजनीति भी गर्म हो गई है.

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बीजेपी ने इस मामले में महागठबंधन सरकार पर भ्रष्टचार का आरोप लगाते हुए नीतीश कुमार और डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव का इस्तीफा मांगा है. केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे ने राज्य सराकर पर निशाना साधते हुए कहा कि पुल गिरने की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए चाचा-भतीजा (नीतीश-तेजस्वी) को इस्तीफा दे देना चाहिए. बता दें कि कुछ ही महीनों के अंतराल पर दूसरी बार यह पुल गिरा है.

भागलपुर में निर्माणाधीन पुल गिरने पर केंद्रीय मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने कहा कि यह निर्माणाधीन पुल 2 बार गिर चुका है, नीतीश तेजस्वी में नैतिकता बची हुई है तो वे तुरंत इस्तीफा दें.

 केंद्रीय मंत्री अश्विनी कुमार ने ट्वीट कर कहा, 'बिहार में व्याप्त भ्रष्टाचार का एक और नमूना देख लीजिए, अगुवानी-सुल्तानगंज गंगा पुल एक बार फिर गिर गया है. पुल का गिरना भ्रष्टाचार की कहानी चीख-चीख कर बयां कर रही हैं. इस घटना का तुरंत संज्ञान लेते हुए चाचा- भतीजा को इस्तीफा देकर देश के सामने एक मिसाल पेश करनी चाहिए.'

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केंद्रीय मंत्री चौबे के विशेष प्रयास से राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड ने कुछ महीने पहले पुल के कार्य को तेजी से बढ़ाने के लिए जलीय जंतुओं के संरक्षण के प्रावधानों को ध्यान में रखते हुए, जो रोक लगाई थी उसे हटा दिया था. जहां पर यह पुल गिरा है, वहां डॉल्फिन बड़ी संख्या में पाए जाते हैं. यह क्षेत्र डॉल्फिन का घर कहा जाता है. 

पुल गिरने के बाद तेजस्वी ने दी सफाई

तेजस्वी यादव ने पुल गिरने के बाद कहा कि ये पहली बार नहीं हुआ है, अप्रैल 2022 में भी यह निर्माणाधीन पुल गिरा था और उस वक्त नेता प्रतिपक्ष रहते हुए हमने इस पर सवाल भी उठाए थे.

तेजस्वी यादव ने कहा कि पथ निर्माण विभाग का काम संभालने के बाद हमने इस पुल की जांच आईआईटी रुड़की से कराई जिसके आधार पर पुल के स्ट्रक्चरल डिजाइन में फॉल्ट पाया गया. इसके बाद क्षतिग्रस्त हिस्से को तोड़कर फिर से उसे बनाने का काम शुरू किया गया. अभी इस पुलिस के पिलर नंबर पांच को लेकर आईआईटी बॉम्बे की रिपोर्ट आनी है. हमने पहले ही इस पुल को लेकर आशंका जताई थी.

1717 करोड़ की लागत से बन रहा था पुल

बता दें कि कि ये पुल 1717 करोड़ की लागत से तैयार किया जा रहा था. इस निर्माणाधीन पुल के कुछ हिस्से को अप्रैल में आंधी के कारण भी नुकसान पहुंचा था. खगड़िया -अगुवानी- सुल्तानगंज के बीच गंगा नदी पर बन रहा महासेतु का बीच का हिस्सा ध्वस्त हो गया. पुल का उपरी भाग नदी में समा गया है.  4 साल पहले सीएम नीतीश कुमार ने इस पुल का शिलान्यास किया था.

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