मिथिला अलग राज्य बने इसकी मांग तो काफी पहले से चल रही है, लेकिन बीजेपी से निलंबित दरभंगा के सांसद कीर्ति आजाद इससे दो कदम आगे निकल गए, वो अलग मिथिला राज्य की जगह अलग मिथिला देश की मांग कर रहें हैं. आज देश जहां एकजुटता कि बात कर रहा है, वहां कीर्ति आजाद जैसे नेता अलग देश की मांग कर रहे है. उनका कहना है कि मिथिला की अलग संस्कृति है अलग भाषा है, अलग लिपि है. ऐसे में इसे अलग देश होना चाहिए.
मिथिला से अलग राज्य की मांग समय-समय पर होती रही है, लेकिन अलग देश का राग केवल कीर्ति आजाद अलाप रहे हैं. इस मुद्दे पर जनता का कोई समर्थन नहीं है. दरअसल, कीर्ति आजाद को देश के वित्त मंत्री अरुण जेटली और बीजेपी नेता सुशील मोदी से दिक्कत हैं. आजाद दोनों को मिथिला विरोधी बताते हैं.
दरभंगा में एक पत्रकार सम्मेलन में उन्होंने जेटली पर जमकर निशाना साधा और कहा कि दरभंगा का नाम आते ही वो कोई काम नही करते है और कामों में अड़ंगा लगाते हैं, जिसकी वजह से दरभंगा के विकास में कोई काम नहीं हो रहा है. कीर्ति आजाद का कहना है कि उनका झगड़ा मुझसे है, लेकिन वो दरभंगा से क्यों बदला ले रहे हैं? उन्होंने धमकी भरे अंदाज में कहा कि दरभंगा के साथ कोई भेदभाव करेगा, तो वित्त मंत्रालय का ईंट से ईंट बजा देंगे.
कीर्ति ने केंद्र सरकार पर भी निशाना साधा. उन्होंने कहा कि रेल बजट को आम बजट में शामिल करने के निर्णय का वो विरोध करते हैं, क्योंकि इसके लागू होने से अलग से कोई सांसद अपने क्षेत्र के लिए कुछ नहीं ले सकता है. बीजेपी से जेटली के मामले में निलंबित हुए कीर्ति आजाद ने नाराजगी भरे अंदाज में कहा कि पार्टी जल्दी कोई फैसला ले नहीं तो बहुत सारी पार्टियों का ऑफर उन्हें मिल रहा है. वो बीजेपी छोड़कर कभी भी किसी और पार्टी में जा सकते हैं.