शनिवार की सुबह सासाराम के एक पत्रकार धर्मेंद्र सिंह की अपराधियों द्वारा गोली मारकर हत्या करने की घटना को बीजेपी के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी ने एक ओर जहां कड़े शब्दों में निंदा की है, वहीं दूसरी ओर कहा कि ऐसी घटनाएं बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के कानून का राज के दावे की पोल खोल रही है.
सुशील मोदी ने कहा कि पिछले एक साल के दौरान बिहार में 4 पत्रकारों की हत्या कर दी गई. नीतीश कुमार दावा कर रहे हैं कि शराबबंदी लागू होने के बाद बिहार में अपराध का ग्राफ नीचे आया है, जबकि जमीनी हकीकत कुछ और है. उन्होंने कहा, 'जब से शराबबंदी लागू हुई है, तब से अपराध के ग्राफ में बढ़ोतरी देखने को मिल रही है. इसी का नतीजा है कि एक साल में चौथे पत्रकार की हत्या हुई है. मुख्यमंत्री को बताना चाहिए कि अगर शराबबंदी के बाद अपराध कम हुआ है, तो अपराध के आंकड़े बढ़ते क्यों जा रहे हैं?'
सुशील मोदी ने कहा कि पत्रकारों की हत्या से नीतीश कुमार के सुशासन और कानून के राज के तमाम दावे तार-तार हो गए हैं. उन्होंने कहा, 'बिहार में निर्भीक और स्वतंत्र पत्रकारिता मुश्किल हो गई है. जिस तरह बाहुबली शहाबुद्दीन के खिलाफ लिखने का खामियाजा सीवान के पत्रकार राजदेव रंजन को भुगतना पड़ा था, उसी तरह सासाराम के पत्रकार धर्मेंद्र सिंह के परिजनों ने अवैध खनन माफिया के खिलाफ लिखने के कारण धर्मेंद्र की हत्या की आशंका जताई है.'
बीजेपी नेता सुशील मोदी ने नीतीश सरकार से मांग की है कि सरकार जल्द से जल्द हत्यारों की गिरफ्तारी सुनिश्चित करें और मामले की स्पीडी ट्रायल कराए. उन्होंने बिहार सरकार से मृतक पत्रकार धर्मेंद्र सिंह के परिवार को 25 लाख रुपये बतौर मुआवजा देने की भी मांग की है.