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बिहार: राज्यपाल से मिले BJP नेता, तनाव के लिए पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग

राज्यपाल से मिलकर भाजपा नेताओं ने मांग रखी है कि राज्यपाल अपनी निगरानी में खुद एक जांच समिति का गठन करें और उन सभी जिलों में जहां सांप्रदायिक तनाव देखने को मिला है उसकी जांच कराएं.

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बीजेपी नीतीश सरकार पर भी सवाल उठा रही है
बीजेपी नीतीश सरकार पर भी सवाल उठा रही है

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भारतीय जनता पार्टी का एक प्रतिनिधिमंडल बिहार के राज्यपाल रामनाथ कोविंद से मुलाकात कर ऐसे पुलिस अधिकारियों पर कार्रवाई करने की मांग की जिन्होंने कथित तौर पर सांप्रदायिक तनाव को रोकने के बजाए उपद्रवियों को उकसाने का काम किया. बीजेपी ने शाहबाद डीआईजी मोहम्मद रहमान के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग की है.

राज्यपाल से मिलकर भाजपा नेताओं ने मांग रखी है कि राज्यपाल अपनी निगरानी में खुद एक जांच समिति का गठन करें और उन सभी जिलों में जहां सांप्रदायिक तनाव देखने को मिला है उसकी जांच कराएं.

पुलिस मूकदर्शक बनी हुई है- BJP
पिछले एक हफ्ते से दशहरा और मुहर्रम के त्योहार के बाद बिहार के करीब 15 जिलों में सांप्रदायिक तनाव की स्थिति है. बीजेपी का आरोप है कि एक संप्रदाय के लोग दूसरे संप्रदाय के लोगों पर लगातार हमला कर रहे हैं और पुलिस मूकदर्शक बनी हुई है. कई जगहों पर यह भी आरोप लगाए जा रहे हैं कि पुलिस उपद्रवियों को रोकने के बजाय उन्हें समर्थन प्रदान कर रही है. भोजपुर के पीरो इलाके में डीआईजी मोहम्मद रहमान के ऊपर आरोप लगाए जा रहे हैं कि उन्होंने सांप्रदायिक तनाव रोकने की कोशिश तक नहीं की.

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प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष मंगल पांडे ने कहा कि डीआईजी मोहम्मद रहमान उसी इलाके के रहने वाले हैं और पीरो में उनका ससुराल है. डीआईजी को तुरंत वहां से हटाना चाहिए और प्राथमिकी दर्ज कर उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए. उन्होंने ये भी कहा कि मधेपुरा स्थित बिहारीगंज के डीएसपी रहमत अली और किशनगंज के एसडीओ शफीक आलम की भूमिका भी सांप्रदायिक तनाव के दौरान संदेह के घेरे में है.

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