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बिहार में NDA की चट्टानी एकता है, विपक्ष मुंगेरी लाल के हसीन सपने न देखे: रामकृपाल यादव

पूर्व केन्द्रीय मंत्री और पाटलिपुत्र से बीजेपी सांसद रामकृपाल यादव ने कहा है कि बिहार में एनडीए चट्टान की तरह अक्षुण्ण है. उन्होंने कहा, छेनी-हथौड़ा चलाने से भी चट्टानी एकता में दरार नहीं आ सकती.

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पूर्व केंद्रीय मंत्री रामकृपाल यादव
पूर्व केंद्रीय मंत्री रामकृपाल यादव

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पूर्व केन्द्रीय मंत्री और पाटलिपुत्र से बीजेपी सांसद रामकृपाल यादव ने कहा है कि बिहार में एनडीए चट्टान की तरह अक्षुण्ण (इंटैक्ट) है. उन्होंने कहा, 'छेनी-हथौड़ा चलाने से भी चट्टानी एकता में दरार नहीं आ सकती. इसलिए मुंगेरीलाल के हसीन सपने जो विपक्ष देख रहा है, उनका सपना बिहार की जनता पूरी नहीं होने देगी.'

रामकृपाल यादव ने कहा, 'कहीं कोई सवाल इफ-बट का नहीं है, मैं पूरे तौर पर नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी के नेतृत्व में कारगर ढंग से अपने दायित्वों का निर्वहन कर रहा हूं और आगे भी करूंगा.'

मंगलवार को पटना के गांधी मैदान में आयोजित रावण दहन के दौरान बीजेपी के एक भी नेता के समारोह में उपस्थित न होने पर विपक्ष ने बीजेपी और जेडीयू के बीच दरार को लेकर बयानबाजी शुरू की. रामकृपाल यादव ने कहा, 'यह महज संयोग है कि बीजेपी का कोई नेता वहां नहीं पहुंचा क्योंकि उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी पटना से बाहर थे और मैं पिछले कई सालों से गांधी मैदान न जाकर अपने क्षेत्र की जनता के बीच रहता हूं.'

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उन्होंने कहा कि इस बार बाढ़ और जलजमाव की वजह से मैं अधिकारियों के साथ जगह-जगह जाकर पानी के निकासी के इंतजाम में लगा रहा. हो सकता है कि पटना शहर के बीजेपी विधायक भी इसी काम में लगे रहें होंगे.

उन्होंने कहा, 'अभी भी दानापुर का पानी नहीं निकल पाया है और लाखों ऐसे लोग हैं जो घर से नहीं निकल पाए हैं. देवी स्थान पर पूजा नहीं हो सकी. महामारी की स्थिति चल रही है, गंदगी की स्थिति है, मैं साढ़े 3 घंटे तक उनके साथ घूमता रहा. कहीं ना कहीं अभी भी जलजमाव के संकट से पटना की जनता जूझ रही है.'

रामकृपाल ने कहा, 'कहीं ब्लीचिंग पाउडर छिटवाना है, कहीं मेडिकल कैंप लगाना है, कई काम हो रहे हैं. भारतीय जनता पार्टी की तरफ से भी और सरकार की तरफ से भी. हो सकता है वहां के विधायक भी ऐसे ही किसी काम में उलझ गए होंगे.'

उन्होंने कहा, 'मुख्यमंत्री जी केवल पटना के मुख्यमंत्री नहीं हैं. उन्होंने अपने दायित्वों का निर्वहन किया है. पूरी मुस्तैदी के साथ जितना बन सका कोई कोताही नहीं की, युद्धस्तर पर काम हुआ है. अधिकारी, पदाधिकारी और 5-6 सीनियर अधिकारी जल निकासी के लिए लगे हुए थे.'

उन्होंने कहा, 'देहाती इलाके में डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट कैंप कर रहे हैं, उनके सारे अधिकारी कैंप कर रहे हैं, राहत सामग्री बांट रहे हैं. एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें भेजी जा रही हैं. भारत सरकार बिना किसी लाग लपेट के 600 करोड़ रुपए की राशि दे चुकी है. सरकार पूरी तकत के साथ काम कर रही है. मुख्यमंत्री सुख-दुख के साथी हैं तो उनके सुख में भी साथ हैं और दुख में भी साथ हैं.'

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