बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह डिनर डिप्लोमेसी के जरिए सीटों के बंटवारे के मसले को सुलझाने में जुट हुए हैं. गुरुवार को शाह ने नीतीश कुमार के घर डिनर में शामिल होने पहुंचे. इस दौरान दोनों नेताओं ने अकेले बैठक की और आगामी लोकसभा चुनाव में सीटों के बंटवारे को लेकर चर्चा की.
20 वीवीआईपी के लिए अलग से इंतजाम
नीतीश कुमार की डिनर पार्टी में 20 वीवीआईपी के लिए अलग से इंतजाम किए गए हैं. इन वीवीआईपी में दोनों दलों के दिग्गज नेता शामिल रहे. जेडीयू की तरफ से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के अलावा उनके करीबी सांसद आरसीपी सिंह, जल संसाधन मंत्री ललन सिंह, ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र यादव और पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह शामिल हुए.
वहीं, बीजेपी की तरफ से अमित शाह, उप-मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, प्रदेश अध्यक्ष नित्यानंद राय, बिहार प्रभारी भूपेंद्र यादव, स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे, कृषि मंत्री प्रेम कुमार, पथ निर्माण मंत्री नंद किशोर यादव और बिहार बीजेपी के संगठन मंत्री नागेंद्र शामिल हुए. डिनर एक अणे मार्ग मुख्यमंत्री आवास के संकल्प भवन में आयोजित हो रहा है. 100 से 125 लोगों के खाने के लिए अलग से बाहर इंतजाम किया गया है.
नीतीश के आवास पर 2 घंटे तक रहे बीजेपी के बड़े नेता
गुरुवार की डिनर पार्टी में तकरीबन दो घंटे तक नीतीश कुमार के आवास पर बीजेपी के बड़े नेता मौजूद रहे और साथ में भोजन किया. अमित शाह और नीतीश कुमार की इस बैठक के दौरान 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव को लेकर बीजेपी और जेडीयू के बीच सीटों के तालमेल के मुद्दे पर भी चर्चा हुई.
अमित शाह और नीतीश ने अकेले में की बातचीत
आजतक से खास बातचीत करते हुए बैठक में मौजूद बीजेपी नेता और कृषि मंत्री प्रेम कुमार ने बताया कि भोज के दौरान कुछ वक्त के लिए अमित शाह और नीतीश कुमार अकेले में बातचीत करते नजर आए. सूत्रों की माने तो अकेले में दोनों नेताओं ने सीटों के तालमेल को लेकर चर्चा की.
प्रेम कुमार ने बताया कि दोनों दलों के नेताओं के बीच सौहार्दपूर्ण माहौल में बातचीत हुई. दोनों ने एक साथ भोज का लुत्फ भी उठाया गया. अब सवाल यह उठता है कि अमित शाह और नीतीश कुमार की अकेले में हुई बातचीत के बाद क्या बीजेपी और जेडीयू के बीच सीटों के तालमेल का मसला सुलझ गया है या इसमें अभी और भी पेंच बाकी हैं.
सुबह के नाश्ते में गर्मजोशी से मिले
बिहार में सीटों के बंटवारे को लेकर बयानबाजी के बीच सीएम नीतीश कुमार और अमित शाह ने गुरुवार सुबह के नाश्ते पर गर्मजोशी के साथ मुलाकात करके संदेश दिया कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) में सब कुछ ठीक चल रहा है. यहां बैठक के दौरान दोनों के मुस्कुराते चेहरों को कैमरों में कैद किया गया.
नीतीश के एनडीए में वापस आने के बाद शाह का पहला बिहार दौरा
बताया जा रहा है कि इस बीच दोनों नेताओं ने अगले वर्ष प्रस्तावित लोकसभा चुनावों को देखते हुए वर्तमान राजनीतिक स्थिति पर चर्चा की. पिछले साल जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार के आरजेडी और कांग्रेस के साथ बने महागठबंधन से हटकर एनडीए में वापस आने के बाद से शाह का यह पहला बिहार दौरा है.
दोनों नेताओं ने लोकसभा चुनाव को लेकर 45 मिनट तक की बातचीत
सूबे के मुख्यमंत्री ने बीजेपी अध्यक्ष से राजकीय अतिथि गृह में मुलाकात की, जहां दोनों ने एक साथ सुबह का नाश्ता किया. इस दौरान बीजेपी के वरिष्ठ नेता भी मौजूद थे. शाह एक दिवसीय दौरे पर शहर में आए हुए हैं. दोनों नेताओं ने अगले वर्ष होने वाले लोकसभा चुनाव सहित विभिन्न मुद्दों पर करीब 45 मिनट बातचीत की.
शाह के अतिथि गृह पहुंचने के कुछ देर बार पहुंचे नीतीश कुमार
शाह के हवाई अड्डे से अतिथि गृह पहुंचने के कुछ मिनट के अंदर नीतीश कुमार वहां पहुंचे. बिहार प्रभारी और बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव भूपेंद्र यादव ने मुख्य द्वार पर नीतीश कुमार का गर्मजोशी से स्वागत किया और वह उनको उस कक्ष तक लेकर गए, जहां शाह मौजूद थे. शाह, बिहार के उप-मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी और प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष नित्यानंद राय की मौजूदगी में नीतीश कुमार ने मुस्कुराकर तस्वीरें खिंचाई.
सुबह के नाश्ते की बैठक समाप्त होने पर बाहर आते वक्त शाह के साथ बीजेपी के अन्य वरिष्ठ नेता रविशंकर प्रसाद, राधा मोहन सिंह और राम कृपाल यादव उपस्थित थे. कुमार ने भले ही मीडियाकर्मियों के सवालों का जवाब नहीं दिया, लेकिन राजकीय अतिथि गृह से उनका मुस्कुराते हुए बाहर आना गठबंधन के सहयोगी दलों के बीच मधुर संबंधों का इशारा करते हैं.
नीतीश का 2010 का डिनर न्योता
बीजेपी अध्यक्ष और नीतीश कुमार के मुख्यमंत्री आवास पर आयोजित डिनर पर फिर से हिस्सा लेने पहुंच चुके हैं. दोनों दलों के वरिष्ठ नेताओं के बीच गर्मजोशी दिखना 2010 में बीजेपी के नेताओं के लिए कुमार द्वारा डिनर रद्द करने के विरोधाभासी है. आठ साल पुरानी इसी घटना के बाद आखिरकार जेडीयू जुलाई 2013 में गठबंधन से बाहर हो गई थी और उसने एनडीए से अपना 17 साल पुराना संबंध तोड़ दिया था.
कुमार ने उस साल डिनर इसलिये रद्द कर दिया था, क्योंकि गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ उनका हाथ पकड़े हुए तस्वीर कई स्थानीय अखबारों में नजर आई थी.