बिहार की राजनीति में एक बार फिर बड़ा उलटफेर देखने को मिला है. नीतीश कुमार ने कई दिनों से चल रहे सियासी घमासान को मंगलवार को विराम दे दिया. उनकी पार्टी जेडीयू ने बीजेपी से गठबंधन तोड़ दिया और नीतीश ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा भी दे दिया. अब वह विपक्षी दलों के साथ मिलकर फिर से सत्ता में काबिज होंगे. इस बीच बिहार में भारतीय जनता पार्टी ने प्रेस कांफ्रेस कर नीतीश कुमार पर जनता को धोखा देने का आरोप लगाया. प्रेस कांफ्रेस में बिहार बीजेपी अध्यक्ष संजय जायसवाल, बिहार के उप मुख्यमंत्री रहे तारकिशोर प्रसाद, विधायक नितिन नवीन आदि मौजूद रहे.
इस दौरान बिहार बीजेपी अध्यक्ष संजय जायसवाल ने प्रेस कांफ्रेस को संबोधित करते हुए कहा कि 2020 के चुनाव में एनडीए गठबंधन के तहत हम सभी ने चुनाव लड़ा. जनता ने भाजपा और जनता जल को जनादेश दिया. हम 74 सीट जीतने में कामयाब रहे थे. फिर भी प्रधानमंत्री और गृहमंत्री जी ने जो वादा किया था, हमने उस वादे का पालन किया और नीतीश कुमार इस गठबंधन के मुख्यमंत्री बने थे.
उन्होंने कहा कि आज जो कुछ भी हुआ है, वह बिहार की जनता और भाजपा के साथ धोखा है. यह उस जनादेश का उल्लंघन है जो बिहार की जनता ने दिया था. बिहार की जनता इसके कतई भी बर्दाश्त नहीं करेगी.
'2017 के बाद क्या अंतर आया?'
पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि जो कुछ भी हुआ है, उसका सही जवाब मुख्यमंत्री दे सकते हैं. ये जनता के साथ सरासर धोखा है. 2017 की जो परिस्थितियां जो बनीं थीं, वह खुद वो बताएं कि उस भ्रष्टाचार में क्या अंतर आ गया. उन बातों में क्या अंतर आ गया. यह बिहार के जनादेश के साथ धोखा है, उसके लिए उन्हें सबक सिखाएंगे.
सभी की सहमति पर BJP से गठबंधन तोड़ा: नीतीश
नीतीश कुमार ने सीएम पद से इस्तीफा देने के बाद कहा कि सब लोगों की इच्छा थी कि बीजेपी से अलग हो जाना चाहिए. विधायकों और सांसदों की सहमति के बाद गठबंधन तोड़ने का फैसला लिया है. उन्हें बीजेपी के साथ एक नहीं कई दिक्कतें थीं. वहीं दिन में उन्होंने अपने आवास पर जेडीयू विधायकों की बैठक में बीजेपी पर आरोप लगाते हुए कहा था कि बीजेपी ने हमें खत्म करने की साजिश रची. बीजेपी ने हमेशा अपमानित किया है.