बिहार में नीतीश के साथ चुनावी रथ पर सवारी करने को तैयार लालू यादव ने बीजेपी पर हमले तेज कर दिए हैं. आरजेडी अध्यक्ष ने कहा है बिहार में बीजेपी अपना सीएम कैंडिडेट घोषित करे क्योंकि राज्य के लोग नरेंद्र मोदी की तस्वीर लेकर नहीं जिएंगे.
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष मुलायम सिंह के साथ मिलकर सीएम पद के लिए नीतीश के नाम पर मुहर लगाने वाले लालू ने कहा कि देश की जनता जानती है कि लालू और नीतीश साथ मिलकर लड़ें, तो बीजेपी की हार तय है. उनके शब्दों में, 'लालू-नीतीश मिलकर लड़े तो बीजेपी की घरवापसी हो जाएगी और बीजेपी-आरएसएस का लंगोटा खुल जाएगा.'
वक्त आने पर लेंगे नेतृत्व पर फैसला: BJP
उधर बीजेपी ने अपने सीएम उम्मीदवार को लेकर पत्ते नहीं खोले हैं. वरिष्ठ बीजेपी नेता सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि एनडीए में नेतृत्व को लेकर फैसला उनकी पार्टी उचित समय पर लेगी.
अपने सरकारी आवास पर आज आयोजित जनता दरबार के बाद पत्रकारों को संबोधित करते हुए सुशील ने कहा कि उनकी पार्टी का केंद्रीय नेतृत्व बिहार के राजनीतिक घटनाक्रम पर नजर रखे हुए है. वे बिहार के चुनाव में बीजेपी नीत एनडीए के नेतृत्व पर सही समय पर फैसला लेंगे.
गौरतलब है कि खुद सुशील मोदी भी पार्टी के भीतर मुख्यमंत्री पद के लिए मजबूत उम्मीदवार बताए जा रहे हैं. हालांकि उनकी पार्टी और एनडीए के दूसरे दलों का कहना है कि यह बीजेपी के राष्ट्रीय नेतृत्व और पार्टी के संसदीय बोर्ड पर निर्भर करता है कि वह इस बारे में क्या फैसला करता है . वह आगामी बिहार विधानसभा चुनाव किसी व्यक्ति विशेष के नेतृत्व में लड़ने का फैसला करता है या फिर सामूहिक रूप से चुनाव लडकर बाद में मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के नाम की घोषणा करता है.
एनडीए में क्या होगा सीटों का तालमेल?
गौरतलब है कि जेडीयू नीत गठबंधन ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है. इस घोषणा के बाद आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद ने बीजेपी से अपने मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के नाम की घोषणा अगले 24 घंटे के भीतर करने को कहा है.
बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर एनडीए में सीटों के तालमेल के बारे में पूछे जाने पर सुशील मोदी ने सिर्फ इतना कहा कि एनडीए के घटक दल जिसमें एलजेपी और आरएलएसपी शामिल हैं और जो केंद्र में सरकार में शामिल हैं, साथ मिलकर चुनाव में उतरेंगे.
आगामी 7 जुलाई को बिहार विधान परिषद की 24 सीटों के लिए होने वाला चुनाव जिसे बिहार विधानसभा चुनाव का सेमीफाइनल माना जा रहा है, के बारे में सुशील ने कहा कि हालांकि परिषद का यह चुनाव महत्वपूर्ण है, पर इसका बिहार विधानसभा चुनाव से संबंध नहीं है. उन्होंने कहा कि हर चुनाव अलग होता है और उसके परिणाम का अगले चुनाव से कोई संबंध नहीं रहता है.