बिहार विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी ने कमर कस ली है. अध्यक्ष अमित शाह और गृहमंत्री राजनाथ सिंह पार्टी के चुनाव प्रचार का आगाज मंगलवार को पटना में पार्टी कार्यकर्ताओं की रैली को संबोधित कर करेंगे.
जनता परिवार की पार्टियों के साथ आने और कई राज्यों में बीजेपी की फतह ने बिहार विधानसभा चुनाव को सियासी दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण बना दिया है. बीजेपी ने अपनी रैली के लिए दलित चेतना के प्रतीक और नेता डॉ. भीमराव अंबेडकर के जन्मदिवस को चुना है. राज्य में इस साल के आखिर में चुनाव होंगे.
भगवा पार्टी को रैली में 1.5 लाख से ज्यादा कार्यकर्ताओं के पहुंचने की उम्मीद है.
बिहार में बीजेपी के मुख्य प्रतिद्धंदी जेडीयू के नीतीश कुमार ने बीजेपी पर राजनीतिक लाभ के लिए भीमराव अंबेडकर को भुनाने का आरोप लगाया है.
सोमवार को अंबेडकर की याद में आयोजित एक कार्यक्रम में नीतीश ने कहा, 'ये फर्जी लोग है जो अंबेडकर की विरासत को हथियाने में लगे हुए हैं. ये लोग उनकी महान विरासत का क्या करेंगे.'
मुख्यमंत्री नीतीश ने बीजेपी पर चुटकी लेते हुए कहा, 'मैंने अधिकारियों से कार्यक्रम एक दिन पहले रखने के लिए कहा, ताकि बीजेपी वाले मुझ पर उनके कार्यक्रम का आकर्षण चुराने का आरोप ना लगा सके.'
साल के नवंबर महीने में प्रस्तावित राज्य विधानसभा चुनाव में बीजेपी का सामना लालू यादव और नीतीश कुमार की पार्टी के विलय से उपजी सिंगल पार्टी से होगा.
लालू और नीतीश को उम्मीद है कि विलय के बाद राज्य में दलित, पिछड़े और मुस्लिम वोट बैंक उनकी झोली में आ गिरेंगे.