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बिहार में जातीय जनगणना के पक्ष में भाजपा, BJP MLA ने कहा- कोई कन्फ्यूजन नहीं

बिहार में जातीय जनगणना का विरोध करने वाली भारतीय जनता पार्टी ने पलटी मार ली है. भाजपा विधायक हरिभूषण ठाकुर ने कहा है कि हम इसके लिए तैयार हैं और इसे लेकर पार्टी में कोई कन्फ्यूजन नहीं है.

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भाजपा विधायक हरिभूषण ठाकुर. -फाइल फोटो
भाजपा विधायक हरिभूषण ठाकुर. -फाइल फोटो
स्टोरी हाइलाइट्स
  • पहले जातीय जनगणना का विरोध कर रही थी भाजपा
  • जनसंख्या नियंत्रण कानून के पक्ष में उठाई आवाज

बिहार भाजपा के फायर ब्रांड नेता और विधायक हरि भूषण ठाकुर ने घोषणा की है कि बीजेपी को बिहार में जातीय जनगणना कराने में कोई परहेज नहीं है और वह इसके पक्ष में है. भाजपा विधायक ने कहा है कि बिहार विधानमंडल के दोनों सदनों में जातीय जनगणना कराने का प्रस्ताव पास है और प्रधानमंत्री ने भी कह दिया है कि जो राज्य जातीय जनगणना कराना चाहती है वह करवा ले. हम लोग इसके लिए बिल्कुल तैयार हैं और कोई कंफ्यूजन नहीं है.

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हरि भूषण ठाकुर ने कहा कि नीतीश कुमार ने बिहार में जातीय जनगणना कराने के मुद्दे पर 27 मई को जो सर्वदलीय बैठक बुलाई है. उसमें बीजेपी बिल्कुल शामिल होगी और अपना पक्ष रखेगी.

पहले जातीय जनगणना का विरोध कर रही थी भाजपा

बता दें कि इससे पहले जातीय जनगणना कराने के मुद्दे पर नीतीश और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव में आम सहमति है, मगर बीजेपी लगातार बिहार में जातीय जनगणना कराने का विरोध कर रही थी. अब मगर बदले हुए राजनीतिक माहौल में ऐसा लगता है कि बीजेपी ने अपने स्टैंड पर पुनर्विचार किया है और अब बिहार में जातीय जनगणना कराने के पक्ष में आ गई है.

जनसंख्या नियंत्रण कानून के पक्ष में उठाई आवाज

वहीं बीजेपी विधायक ने एक बार फिर से देश में जनसंख्या नियंत्रण कानून के पक्ष में अपनी आवाज उठाई. भूषण ठाकुर ने कहा कि देश और दुनिया में सीमित संसाधन है और इसी वजह से देश में जनसंख्या नियंत्रण कानून बनना चाहिए. भाजपा विधायक ठाकुर ने कहा कि निश्चित रूप से जनसंख्या नियंत्रण होना चाहिए. इस देश में संसाधन सीमित है.

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हरि भूषण ठाकुर ने यह भी मांग की कि देश में 30 हजार से ज्यादा प्रसिद्ध मंदिर और धरोहर है जो हिंदुओं को लौटा दिया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि देश में 30,000 से ज्यादा ऐसे मंदिर और धरोहर हैं जो हमें लौटाना चाहिए. हमारा उस पर दावा ही नहीं है बल्कि हम उसे लेकर रहेंगे, चाहे इसके लिए हमें कानूनी लड़ाई क्यों न लड़नी पड़े.

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