2019 लोकसभा चुनाव का बिगुल एक तरह से फूंका जा चुका है. राजनीतिक दल अपने-अपने साथियों के साथ सीटों के बंटवारे में लग गए हैं. बिहार में एनडीए में सीट बंटवारे को लेकर खींचतान शुरू हो गई है. इस बीच भाजपा की बिहार इकाई के एक वरिष्ठ नेता ने दावा किया कि पार्टी उन सभी 22 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेगी जिन पर पिछले लोकसभा चुनावों में उसे जीत हासिल हुई थी.
इस पर प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए जदयू के एक वरिष्ठ नेता ने भाजपा को चुनौती दी कि वह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के विश्वसनीय और स्वीकार्य चेहरे के बगैर ही सभी 40 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़े. गौरतलब है कि जदयू इस बात पर जोर देता रहा है कि भाजपा उसे ‘‘बड़ा भाई’’ माने.
भाजपा के प्रदेश महासचिव राजेंद्र सिंह ने सासाराम में पत्रकारों से बातचीत में कहा कि भाजपा उन सभी सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेगी जिन पर उसे 2014 में जीत मिली थी. पार्टी अपने सहयोगियों के हितों की भी रक्षा करेगी और सीट बंटवारे का ऐसा समझौता करेगी जिससे राजग को बिहार में सभी 40 सीटें जीतने में मदद मिले. ’’
गौरतलब है कि लोकसभा में बिहार से भाजपा के 22 सांसद हैं. इसके अलावा राजग की सहयोगी लोजपा और रालोसपा के पास क्रमश : छह और तीन सांसद हैं. नीतीश की अगुवाई वाले जदयू ने 2014 का लोकसभा चुनाव अकेले दम पर लड़ा था और उसे सिर्फ दो सीटें नसीब हुई थीं.
जदयू के विधान पार्षद एवं प्रवक्ता संजय सिंह ने भाजपा नेता के बयान पर प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए कहा कि ऐसे बयान जारी करने, वह भी ऐसे समय में जब राजग को एकजुट रहने की जरूरत है से किसी को फायदा नहीं होने वाला.
सिंह ने कहा , ‘‘जदयू बिहार में राजग में बड़ा भाई है, यह एक तथ्य है, कोई इच्छा है. क्या भाजपा नीतीश कुमार के विश्वसनीय एवं स्वीकार्य चेहरे के बगैर उतरकर चुनावी सफलता हासिल कर सकती है ? यदि उसे लगता है कि वह ऐसा कर सकती है तो उसे सभी 40 सीट पर अपने दम पर लड़ना चाहिए.