बिहार के मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने राज्यपाल से मिलकर विधानसभा में बहुमत साबित करने की बात कही है, लेकिन जिसके भरोसे वो बहुमत की बात कर रहे हैं, वही बीजेपी कह रही है कि विधानसभा में मांझी का साथ नहीं देंगे. सूत्रों के अनुसार बीजेपी की तरफ से मांझी को संदेश दिया गया है कि वो विश्वास मत से पहले ज्यादा से ज्यादा नीतीश कुमार समर्थक विधायकों को तोड़कर अपने पक्ष में करें.
बिहार बीजेपी के कई बड़े नेता चाहते हैं कि पार्टी को राज्यपाल से मिलकर विधानसभा भंग करने की मांग करनी चाहिए. उधर, बीजेपी की ओर से पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर हमले जारी हैं. बीजेपी नेता और प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन का कहना है कि बिहार में आज जो भी अनिश्चितता के हालात हैं उसके लिए नीतीश कुमार ही जिम्मेदार हैं.
उन्होंने नीतीश पर हमला करते हुए कहा कि उन्होंने बिहार में 40 सीटों पर चुनाव लड़ा था और सिर्फ दो ही जीत पाए थे. इसके बाद नीतीश ने यह कहते हुए मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था कि जनता का अब उनमें विश्वास नहीं रहा और उन्होंने मांझी को मुख्यमंत्री पद पर बिठा दिया.
शाहनवाज हुसैन ने एक तीर से दो निशाने लगाते हुए कहा कि इस्तीफा देते समय नीतीश कुमार, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से प्रभावित हो गए थे. उन्होंने सोचा कि वे भी मनमोहन सिंह की तरह जीतन राम मांझी को कुर्सी पर बिठाकर पीछे से काम करते रहेंगे और मांझी उनकी हर हां में हां मिलाते जाएंगे. मांझी ने माना कि पहले दो महीने, तो उन्होंने वही किया जो नीतीश कुमार ने उनसे कहा.
बीजेपी प्रवक्ता ने कहा, नीतीश ने उस आरजेडी से समर्थन लिया, जिसके खिलाफ लड़कर वे मुख्यमंत्री पद तक पहुंचे थे. उन्होंने कहा, नीतीश की महत्वकांक्षा के कारण ही ऐसी स्थिति पैदा हुई है. उन्होंने कहा, इस समय मांझी ही बिहार के मुख्यमंत्री हैं और विशेषज्ञ भी कहते हैं कि बहुमत सिर्फ सदन के अंदर साबित किया जाता है, बाहर नहीं.
बीजेपी ने नीतीश कुमार पर आरोप लगाते हुए कहा कि वो मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठने के लिए लालायित हुए जा रहे हैं, वे 5 मिनट का भी इंतजार नहीं करना चाहते. शाहनवाज ने कहा कि नीतीश कुमार ने तो शपथ ग्रहण समारोह के लिए अपने पकड़े भी तैयार रखे हुए हैं.