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बिहारः BPSC पेपर लीक की पहले ही रच गई थी साजिश, ऐसे की गई थी प्लानिंग

बिहार में BPSC पेपर लीक मामले की जांच के दौरान सामने आया है कि पूरी प्लानिंग के तहत पेपर लीक किया गया था. इसके साथ ही जांच टीम कई सवालों के जवाब तलाश रही है.

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सांकेतिक तस्वीर
सांकेतिक तस्वीर
स्टोरी हाइलाइट्स
  • एक IAS से की गई थी पूछताछ
  • अभी किसी को भी क्लीन चिट नहीं

बिहार में BPSC पेपर लीक के मामले में रोजाना नए खुलासे हो रहे हैं. अब बताया जा रहा है कि पेपर लीक कांड में एक गिरोह के लोग शामिल हैं. जिन्होंने सोची समझी साजिश के तहत पेपर लीक की वारदात को अंजाम दिया. इसके लिए बाकयदा पूरी बिसात बिछाई गई थी. उनका टारगेट ही परीक्षा को रद्द करवाना था. लेकिन यह इसी शर्त पर संभव था कि पेपर वायरल किया जाए. 

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EOU की SIT और जांच टीम के सदस्यों से मिल रही जानकारी के मुताबिक कई आवेदकों को परीक्षा से पहले ही पेपर पहुंचाने का वादा किया गया था. लेकिन आवेदकों तक प्रश्न पत्र काफी देर से पहुंचा. हालांकि इसके एवज में बड़ी राशि मिलने वाली थी. लेकिन पेपर में देरी होने की वजह से पूरा खेल बिगड़ गया. इसके बाद सेटर्स ने साजिश के तहत प्रश्न पत्र को वायरल कर दिया.

IAS और उनके दोस्त से हुई पूछताछ
 

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक जिन लोगों ने पेपर लीक किया, वह सभी उस गिरोह के सदस्य निकले, जो आवेदकों से पैसे ऐंठकर एग्जाम से पहले ही पेपर मुहैया कराने वाले थे. इस केस में एक चर्चित IAS से भी पूछताछ की गई है. लेकिन उनके दोस्त और सरकारी स्कूल के टीचर से जब पूछताछ की गई तो उन्होंने टीम को बरगलाने की कोशिश की. 

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IAS और कृष्णमोहन के बीच पुराना है कनेक्शन

जांच टीम का कहना है कि इसमें सरकारी स्कूल टीचर गैंग में शामिल है, इसके सबूत जांच टीम के पास है. इधर, मीडिया रिपोर्टस की मानें तो जांच टीम ने साफ कर दिया है कि इस केस में अभी किसी को भी क्लीन चीट नहीं दी गई है. सूत्रों के मुताबिक इस पूरे प्रकरण में अभी और गिरफ्तारी होंगी. बता दें कि IAS अधिकारी और पेपर लीक में गिरफ्तार कृष्णमोहन सिंह का संबंध 18 साल पुराना बताया जा रहा है. इसके साथ ही जिन दिन पेपर लीक हुआ, उस दिन दोनों के बीच 10 बार बात हुई थी.

इन सवालों के जवाब तलाश रही जांच टीम 


जांच टीम जिन सवालों के जवाब तलाश रही है, उनमें परीक्षा सेंटर में मोबाइल कैसे पहुंचा ? पेपर वायरल किस फोन से किया गया? क्या सेंटर पहले से मैनेज थे? पेपर लीक की इस साजिश में और कौन लोग शामिल हैं? इस मामले में पैसे की कितनी डील हुई थी? पैसे आवेदकों से कैसे लिए गए थे? क्या इस पूरे प्रकरण में अधिकारी सीधे तौर पर शामिल थे? 

 

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