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BPSC Paper Leak: जेल में बंद 2 आरोपियों से पूछताछ की तैयारी, क्या बीपीएसपी पेपर लीक की सुलझेगी गुत्थी?

बिहार में बीपीएससी परीक्षा पेपर लीक की जांच कर रही टीम को अहम कामयाबी हाथ लगी है. जेल में बंद दो आरोपियों से पूछताछ की मंजूरी जांच टीम को मिल गई है.

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सांकेतिक तस्वीर
सांकेतिक तस्वीर
स्टोरी हाइलाइट्स
  • बिहार में बीपीएससी परीक्षा पेपर लीक की जांच जारी
  • आर्थिक अपराध इकाई की जांच पर हर किसी की नजर

बिहार में बीपीएससी परीक्षा पेपर लीक की जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है, हर रोज नए खुलासे हो रहे हैं. जांच टीम (आर्थिक अपराध इकाई) लगातार इस मामले में नए-नए तथ्यों को सामने ला रही है. टीम ने दो आरोपियों को तीन दिनों की रिमांड पर लिया है.

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इस मामले में आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) की अपील पर विशेष न्यायिक दंडाधिकारी के कोर्ट ने जेल में बंद कृषि विभाग के सहायक राजेश कुमार और औरंगाबाद निवासी सुधीर कुमार सिंह से इस पूरे मामले में पूछताछ करने की अनुमति दे दी है. ईओयू ने कोर्ट में आवेदन देकर दोनों आरोपियों को पांच दिनों की पुलिस रिमांड पर देने का अनुरोध किया था. हालांकि कोर्ट ने पांच दिन की जगह तीन दिन की रिमांड मंजूर की.

आर्थिक अपराध इकाई की टीम दोनों से पेपर लीक मामले में गहन पूछताछ करेगी. साथ ही बीपीएससी पेपर लीक कांड की शुरुआत और गिरोह में शामिल दूसरे सदस्यों के बारे में विस्तृत जानकारी ली जाएगी. आर्थिक अपराध इकाई की टीम ने बीपीएससी पेपर लीक कांड में अब तक 8 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. इसमें वीर कुंवर सिंह कॉलेज में तैनात बड़हरा के बीडीओ जयवर्धन गुप्ता, कुंवर सिंह कॉलेज के प्राचार्य कृषि विभाग के सहायक राजेश कुमार सहित कई के नाम शामिल हैं.

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इधर, ईओयू की टीम ने कांड संख्या 20/2022 दर्ज कर सभी पर धोखाधड़ी, जालसाजी पद का दुरुपयोग, आईटी एक्ट और बिहार परीक्षा नियंत्रण अधिनियम 1981 के विभिन्न धाराओं के तहत आरोपी बनाया है. बीपीएससी पेपर लीक मामले में 8 लोगों की गिरफ्तारी के बाद भी बड़ा सवाल है कि आखिर पेपर लीक किस जगह से हुआ? ईओयू की टीम इस बात का पता लगाने में अभी तक असफल रही है कि आखिर किस सेंटर से पेपर लीक की घटना को अंजाम दिया गया? इसलिए जांच टीम ने ऐसे डेढ़ दर्जन परीक्षा केंद्रों को जांच के दायरे में रखा है.

आर्थिक अपराध इकाई की जांच टीम से निकलकर मीडिया में जो जानकारी सामने आ रही है, उसके मुताबिक टीम पटना के अलावा नवादा, भागलपुर, भोजपुर और वैशाली जिले के कई लोगों को रडार पर ले चुकी है. उनसे जल्द पूछताछ हो सकती है. जांच टीम का मानना है कि इन्हीं में से किसी एक जिले के स्ट्रॉन्ग रूम या परीक्षा केंद्र से पेपर लीक हो सकता है. जांच टीम आरा के अलावा और भी परीक्षा केंद्रों की सूची बना चुकी है, जहां संदिग्ध गतिविधियों को अंजाम दिया गया. इन परीक्षा केंद्रों के पदाधिकारी और कर्मचारी शक के दायरे में है. इसके लिए फारेंसिक टीम की मदद ली गई है.

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