रिश्वत लेने के आरोप में निगरानी विभाग द्वारा गिरफ्तार कैमूर जिला के मोहनियां के तत्कालीन एसडीओ जितेंद्र गुप्ता को पटना हाई कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. पटना हाई कोर्ट ने निगरानी विभाग द्वारा एसडीओ जितेंद्र गुप्ता पर दर्ज एफआईआर को ही रद्द कर दिया है.
गौरतलब है कि 12 जुलाई को निगरानी विभाग ने रिश्वत लेने के आरोप में मोहनियां के तत्कालीन एसडीओ जितेंद्र गुप्ता को गिरफ्तार किया था. जीतेंद्र गुप्ता 2013 बैच के आईएएस अधिकारी हैं. मोहनियां के तत्कालीन एसडीओ जीतेंद्र गुप्ता के खिलाफ कुछ ट्रांसपोर्टरों ने निगरानी से शिकायत की थी, जिसके बाद निगरानी की टीम ने कार्रवाई करते हुए उनको गिरफ्तार कर लिया था.
ट्रांसपोर्टरों ने एसडीओ पर आरोप लगाया था कि ओवरलोडेड ट्रकों को छोड़ने के एवज में 80 हजार रुपये बतौर रिश्वत मांग की गई थी. एसडीओ के साथ उनके ड्राइवर और हाउस गार्ड को भी गिरफ्तार किया गया. निगरानी ब्यूरो के डीजी रविंद्र कुमार ने बताया था कि एसडीओ के सरकारी आवास की तलाशी में उन चारों ट्रकों के जब्त कागजात बरामद हुए. कागजात की वापसी के लिए 80 हजार रुपये की रिश्वत लेते एसडीओ पकड़े गए थे.
इस गिरफ्तारी के बाद आईएएस एसोसिएशन ने कड़ा एतराज जताया था. आईएएस एसोसिएशन के सचिव विवेक कुमार सिंह और दीपक कुमार सिंह ने कहा कि यह गिरफ्तारी पर्याप्त साक्ष्य के बगैर की गई. रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार एसडीओ के मामले में पटना हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई. जिसपर सुनवाई करते हुए पटना हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश इकबाल अहमद अंसारी की खंडपीठ ने जितेंद्र गुप्ता के खिलाफ दर्ज एफआईआर को ही अवैध करार दे दिया.