
बिहार के बक्सर जिले में नॉर्थ-ईस्ट एक्सप्रेस ट्रेन अचानक से रघुनाथपुर रेलवे स्टेशन के पास डिरेल हो गई. देखते ही देखते ट्रेन के 6 डिब्बे पटरी से उतर गए. हादसे के बाद वहां चीख पुकार मच गई. इसमें 4 लोगों की मौत हो गई. जबकि, 100 से ज्यादा लोग घायल हो गए. इनमें से 20 लोगों की हालत गंभीर बनी हुई है. हादसा कैसे हुआ, इस बारे में ट्रेन के गार्ड ने बताया.
डिरेल हुई ट्रेन के गार्ड विजय कुमार ने हादसे का आंखोदेखा हाल बताया. उन्होंने बताया कि ट्रेन नॉर्मल स्पीड से चल रही थी. मैं बैठ कर अपना कुछ कागजी काम कर रहा था. तभी अचानक से एक ब्रेक लगी और गाड़ी में धीरे-धीरे झटके आने लगे. फिर एक बड़ा झटका लगा. मैं उसी समय बेहोश हो गया. पांच मिनट बाद मुझे होश आया तो मैंने पानी से आंखों पर छींटे मारे. मुझे नहीं पता कि ड्राइवर ने अचानक से ब्रेक क्यों मारी. इस बारे में वो ही अच्छे से बता सकता है कि ऐसा क्यों हुआ और क्यों उसे इस तरह ट्रेन को ब्रेक मारनी पड़ी.
हादसा होते ही आस पास के लोग और पुलिस की टीम रेस्क्यू के लिए पहुंची. घायलों को तुरंत नजदीकी अस्पताल ले जाया गया. जहां से गंभीर रूप से घायल 20 लोगों को पटना एम्स रेफर कर दिया गया है. आशंका जताई जा रही है कि मौत का आंकड़ा बढ़ सकता है.
बक्सर के डीएम अंशुल अग्रवाल ने बताया कि फिलहाल हादसे के पीछे की वजहों का खुलासा नहीं हो सका है. पुलिस टीम घटना स्थल पर मौजूद है. हादसे के कारणों का पता लगाने की कोशिश की जा रही है.
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वहीं, उत्तर मध्य रेलवे महानिदेशक तारु प्रकाश ने बताया कि हादसे के कारणों की जांच की जा रही है. जांच करने का रेलवे का अपना प्रोसेस होता है. उसे फॉलो किया जा रहा है. जांच में जो कुछ भी सामने आएगा वो हम आगे बता देंगे. कहा कि हमारी क्रेनों ने काम करना शुरू कर दिया है ताकि बाकी ट्रेनों को वहां से गुजरने में दिक्कत न हो.
दो एसी कोच और 4 स्लीपर डिब्बे डिरेल हुए
ट्रेन के जो डिब्बे डिरेल हुए हैं उनमें दो AC III कोच और चार स्लीपर कोच शामिल हैं. 23 कोच वाली नॉर्थ ईस्ट एक्सप्रेस दिल्ली के आनंद विहार टर्मिनल से बुधवार की सुबह 7:40 पर असम में गुवाहाटी के लिए रवाना हुई. यह ट्रेन कामाख्या स्टेशन तक जाती है. नॉर्थ ईस्ट एक्सप्रेस डीडीयू जंक्शन से दो घंटे की देरी से रात पौने नौ बजे पटना के लिए रवाना हुई थी. ट्रेन 09.35 बजे बिहार के बक्सर में रघुनाथपुर स्टेशन पर पार कर रही थी कि तभी यह हादसा हो गया.
चश्मदीद ने बताया आंखोदेखा मंजर
स्थानीय युवक हरि पाठक ने बताया कि ट्रेन नॉर्मल स्पीड से जा रही थी. तभी हमें एक तेज आवाज आई. देखा तो ट्रेन से धुआं निकल रहा था. हम लोग वहां पहुंचे तो पाया कि ट्रेन के डिब्बे पटरी से उतर गए हैं. लोग मदद के लिए चीख रहे थे. तभी पुलिस और रेस्क्यू टीम को सूचना दी गई. हम लोगों ने भी घायलों की मदद कर उन्हें अस्पताल पहुंचाया. हादसे का मंजर बेहद डरावना था. क्योंकि रात का समय था और अंधेरे में रेस्क्यू करने में भी काफी दिक्कत हो रही थी.
'पलटे नहीं डिब्बे, नहीं तो घायलों की संख्या ज्यादा होती'
जगदीशपुर के एसडीपीओ राजीव चंद्र सिंह ने कहा कि दुर्घटना के कारण बिजली के तार, खंभे और रेल पटरियां क्षतिग्रस्त हो गयी हैं. उन्होंने कहा कि AC की दो बोगियां पलट गई थीं. जबकि, स्लीपर के 4 डिब्बे संतुलन खो बैठे और पटरी से डिरेल हो गए. लेकिन वे पलटे नहीं. इस कारण घायलों की संख्या कम है. अगर डिब्बे पलट जाते तो यह संख्या ज्यादा हो सकती थी. ये हादसा हुआ कैसे, इसकी जानकारी तो तकनीकी टीम ही दे सकती है.
पूर्व मध्य रेलवे जोन के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी बीरेंद्र कुमार ने एक न्यूज एजेंसी को बताया कि ट्रेन के बक्सर स्टेशन से आरा के लिए रवाना होने के आधे घंटे से भी कम समय बाद ही यह दुर्घटना हो गई. पटरी से उतरने की घटना रघुनाथपुर स्टेशन के पास हुई जहां ट्रेन का कोई निर्धारित स्टॉपेज नहीं है.
एक्शन में SDRF की टीम, नजर बनाए रखे हैं तेजस्वी यादव
ट्रेन हादसे के बाद बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव लगातार मामले पर नजर बनाए हुए हैं. तेजस्वी यादव ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर बताया है कि बिहार SDRF की टीम तत्परता से राहत और बचाव कार्य में जुटी हुई है. उन्होंने आगे कहा कि स्वास्थ्य एवं आपदा प्रबंधन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत कंट्रोल रूम में स्वास्थ्य एवं आपदा प्रबंधन विभाग के अधिकारियों के साथ राहत-बचाव कार्य के अलावा रसद जुटाने के साथ-साथ व्यवस्थाओं की निगरानी भी कर रहे हैं. अस्पताल अलर्ट मोड पर है. गाड़ियों के लिए जिले के टोल फ्री कर दिए गए हैं.