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रोहिंग्या और बांग्लादेशी मुसलमानों की गणना पर नीतीश कुमार की चुप्पी के क्या हैं मायने?

बिहार में जातीय जनगणना कराने के मुद्दे पर बीजेपी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को घेरने में लग गई है.

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नीतीश कुमार फाइल फोटो
नीतीश कुमार फाइल फोटो
स्टोरी हाइलाइट्स
  • 'रोहिंग्या और बांग्लादेशी मुसलमानों की गणना न हो'
  • नीतीश कुमार के दबाव में बीजेपी

बिहार में जातीय जनगणना कराने के मुद्दे पर बीजेपी ने भले ही भारी मन से सहमति जता दी है मगर अब वह बिहार में अवैध रूप से रहने वाले रोहिंग्या और बांग्लादेशी मुसलमान की गणना को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को घेरने में लग गई है. बीजेपी लगातार आवाज बुलंद कर रही है कि जब जातीय जनगणना का काम बिहार में शुरू हो तो अवैध रूप से राज्य में रहने वाले रोहिंग्या और बांग्लादेशी मुसलमानों की गिनती नहीं होनी चाहिए.

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रोहिंग्या और बांग्लादेशी मुसलमानों की गणना न हो
इसको लेकर केंद्रीय मंत्री और बीजेपी के फायर ब्रांड नेता गिरिराज सिंह ने पहले ही चेतावनी दे दी है कि बिहार सरकार जब भी जातीय जनगणना की शुरुआत करें तो रोहिंग्या और बांग्लादेशी मुसलमान जो अवैध रूप से बिहार में रहते हैं उनकी गणना नहीं होनी चाहिए.

नीतीश कुमार के दबाव में बीजेपी
दरअसल, यह बात सबको पता है कि बीजेपी मूल रूप से देश में जातीय जनगणना कराने के पक्ष में नहीं है मगर बिहार में उसे नीतीश कुमार के दबाव में जातीय जनगणना कराने पर सहमति देनी पड़ी है, लेकिन रोहिंग्या और बांग्लादेशी मुसलमानों की गणना को लेकर अब बीजेपी नीतीश कुमार को भेजने की कोशिश भी कर रही है.

दिलचस्प बात यह है कि शनिवार को जब पत्रकारों ने नीतीश कुमार से जातीय जनगणना के दौरान रोहिंग्या और बांग्लादेशी मुसलमानों की गणना पर सवाल पूछा तो वह चुप्पी साध गए. "पता नही" बोलकर नीतीश कुमार आगे बढ़ गए.

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ऐसे में सवाल उठता है कि क्या बीजेपी रोहिंग्या और बांग्लादेशी मुसलमानों की गणना का मुद्दा उठाकर नीतीश कुमार को बैकफुट पर करने में कामयाब होगी? फिलहाल नीतीश कुमार कि इस मुद्दे पर चुप्पी से तो ऐसा ही लगता है.

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